राहुल जौहरी जांच पैनल में हुआ बदलाव, सभी साक्ष्यों को करना होगा प्रदर्शित

नई दिल्ली: भारत में जबरजस्त तरीके से हाईलाइट मीटू कैंपेन में भारतीय क्रिकेट बोर्ड के राहुल जौहरी भी फंसे हुए है। राहुल जौहरी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं जिसके बाद बोर्ड ने उन्हें फिलहाल समिति से बाहर कर दिया है। यहां हम आपको बता दें कि राहुल जौहरी पर लगे आरोप सोशल मीडिया पर बिना नाम जाहिर किए डाली गई एक पोस्ट के द्वारा लगाए गए हैं साथ ही जब जौहरी पर ये आरोप लगाए गए थे तभी सीओए के कारण बताओ नोटिस के जवाब में उन्होने इन आरोपों से इनकार किया था। 

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जानकारी के अनुसार प्रशासकों की समिति ने कहा कि बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की जांच कर रहे स्वतंत्र पैनल को अपनी पहली बैठक में किसी भी तरह का हितों का टकराव नहीं होने की घोषणा करनी होगी। बता दें कि राहुल जौहरी के खिलाफ बीसीसीआई द्वारा एक जांच समिति का गठन किया गया है जो राहुल के इस मामले में जांच करेंगे। वहीं इस तीन सदस्यीए टीम को निर्देश जारी​ किए गए हैं। कि वे इस मामले में निश्पक्ष जांच करें और वह किसी भी व्यक्ति की बात सुन सकती है जो इस मामले में किसी भी तरह का तथ्य रखने का इच्छुक हो। 

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गौरतलब है कि राहुल जौहरी जब से इस मामले में सामने आए हैं तभी से उनका समय ठीक नहीं चल रहा है। बीते दिनों बीसीसीआई की अहम मीटिंग में भी राहुल को बैठक का हिस्सा नहीं बनाया गया था और उनके स्थान पर अन्य सदस्य को सीईओ बनाया गया है। वहीं जांच पैनल में शुरुआत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और पूर्व सीबीआई निदेशक पीसी शर्मा शामिल थे लेकिन हाल में पीसी शर्मा की जगह वकील वीना गौड़ा ने ली क्योंकि यह बात सामने आई कि उनका एक रिश्तेदार बीसीसीआई का कर्मचारी था। 

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