कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फ़िलहाल कर्नाटक चुनाव को लेकर रैलियों में व्यस्त हो गए है. इसी क्रम में सोमवार को रैली को संबोधित करते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि देश में दो तरह की सरकारें होती हैं. एक सरकार ऐसी होती है जो 5-10 उद्योगपतियों को राष्ट्रीय संपदा सौंप देती है और दूसरी सरकार इस संपदा को फिर से वितरित करती है. बीजेपी की जहां भी सरकार बनी, सारा पैसा उद्योगपतियों को दे दिया गया. राहुल ने कहा, 'जब सचिन तेंदुलकर खेलते हैं तो गेंदबाज को देखते हैं, सिद्धारमैया गेंद को देखते हैं और मोदी विकेटकीपर को देखते हैं. इसलिए, जब भी गेंद आती है तो उनसे गड़बड़ी हो जाती है. इसी तरह नोटबंदी हुई. किसानों और आदिवासियों पर इसका असर पड़ा. मोदी गब्बर सिंह टैक्स (GST) ले आए. उन्हें युवाओं ने भविष्य सुधारने, बेरोजगारी और किसानों की समस्या दूर करने के लिए चुना था और वह पुराने समय की बात कर रहे हैं. मेरा मोदी से कहना है कि पुराने समय की बात न करें, हमें ये बताएं कि रोजगार कैसे पैदा करेंगे.' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने खुद स्वीकार किया है कि कर्नाटक रोजगार देने में सबसे आगे है. उन्होंने कहा कि मोदी को सिद्धारमैया से सीखना चाहिए, उन्होंने किसानों का कर्ज माफ किया, गरीबों के लिए इंदिरा कैंटीन खोली, आंगनवाड़ी और आशाओं का वेतन बढ़ाया. राहुल ने कहा, 'नोटबंदी और जीएसटी ने छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर दिया. केवल एक कंपनी का कारोबार 50 हजार रुपये से 80 करोड़ रुपये हो गया. वह कंपनी अमित शाह के बेटे की है. मोदी लोगों को रोजगार नहीं देते हैं और उनसे स्टार्ट अप शुरू करने को कहते हैं. उन्होंने अपने दोस्त अमित शाह के बेटे को अच्छी स्टार्ट अप कंपनी दी है.' राहुल ने इस रैली में कहा , 'कर्नाटक आने से पहले मैंने गुजरात का दौरा किया. मैं जिन भी आदिवासी इलाकों में गया, लोगों ने कहा कि उनकी जमीन छीनकर उद्योगपतियों को दे दी गई है. राहुल ने कहा कि भारत में कहा जाता है कि उसका चीन से मुकाबला है, लेकिन कमीज, कैमरा, कार हर चीज मेड इन चाइना दिखाई देता है. यह नरेंद्र मोदी का सच है. अब पकौड़े के मुद्दे को भुनाएगी भाजपा राहुल गाँधी के पकौडे को मुँह से लगाते ही मचा बवाल मोहन भागवत पर तिरंगे के अपमान का आरोप लगा