भारतीय रैल अब वेटिंग लिस्‍ट वाले पैसेंजरों के लिए एक खुशखबरी लेकर आयी हैं। रेलवे 1 अप्रैल से ‘विकल्प’ स्कीम लॉन्च करने जा रही है। विकल्प स्कीम के तहत अब रेलवे का वेटिंग टिकट लेने वाले पैसेंजर अगली ट्रेन में कन्फर्म सीट पा सकते हैं। इस स्कीम के तहत मेल और एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट लेने के बाद राजधानी या शताब्दी ट्रेन में भी ट्रेवल्‍स कर सकेंगे। साथ ही रेवले को इस स्कीम के लागू होने से टिकट रिफंड भी कम करना पड़ेगा, जो सीधे तौर पर उसके लिए फायदेमंद होगा। क्या है विकल्प स्कीम- विकल्‍प स्‍कीम से होगा वेटिंग टिकट कन्‍फर्म इस स्कीम के तहत अब एक्सप्रेस और मेल का टिकट कटाने के बाद आप राजधानी या शताब्दी ट्रेन में सफर कर सकेंगे। टिकट के वक्त वैकल्पिक ट्रैन का ऑप्शन चुनना पडेगा। स्‍कीम की शुरुआत ऑनलाइन टिकट बुकिंग कराने वालों से होगी। इसके बाद रेलवे विंडो टिकट के लिए भी इस स्‍कीम का विस्‍तार किया जाएगा। फिलहाल रेलवे दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-मुंबई समेत 6 रूटों पर इस स्कीम को पायलट बेसिस पर चला रही है। चार्ट निकलने के बाद वेटिंग टिकट को लाभ- विकल्प स्‍कीम में उन पैसेंजर का चयन किया जाएगा, जिनकी सीट चार्ट तैयार होने के बाद भी कन्फर्म नहीं होगा। रेलवे केवल उन्‍हीं पैसेंजर को वैकल्पिक ट्रेन में सीट के आवंटन करने पर विचार करेगा। इसके लिए न ही किसी पैसेंजर से कोई अतिरिक्त चार्ज लिया जाएगा और न ही किराया में अंतर होने पर रिफंड की सुविधा दी जाएगी। राजाधानी और शताब्‍दी में मिलेगा ट्रेवल्‍स का मौका- जिन पैसेंजर ने राजधानी या शताब्दी ट्रेन का वेटिंग टिकट लिया है, उनको मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में कन्‍फर्म टिकट के साथ सफर का मौका मिल सकता हैं। साथ ही मेल और एक्‍सप्रेस ट्रेन के टिकट लेने वाले पैसेंजर को राजधानी में सफर करने का मौका भी मिल सकता है। न रिफंड होगा और ना ही वसूलेगी अतिरिक्‍त चार्ज- विकल्‍प स्‍कीम नियम के तहत राजधानी का वेटिंग टिकट लेने वालों को मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करने पर रिफंड नहीं मिलेगा। ठीक उसी तरह मेल और एक्सप्रेस ट्रेन का वेटिंग टिकट लेने वाले पैसेंजर से राजधानी में सफर करने पर अतिरिक्त चार्ज भी नहीं वसूला जाएगा। स्‍कीम से रेलवे को 3500 करोड़ रुपए का लाभ- रेलवे भवन के सूत्रों ने बताया कि रेलवे को हर साल करीब 7500 करोड़ रुपए रिफंड नहीं देने से बचत होगी, जिसमें से करीब 3500 करोड़ रुपए सिर्फ वेटिंग टिकट कैंसिल कराने की वजह से देना पड़ता है। छूट के लिए सीनियर सिटीजंस को नहीं देना होगा आधार नम्‍बर- प्रभु ने साफ किया है कि वरिष्ठ नागरिकों की ट्रेन टिकट पर मिलने वाली छूट के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। इसके लिए रेलवे ने सीनियर सिटीजंस का डाटाबेस बनाना शुरू कर दिया है। यह डाटा आधार डिटेल्‍स के बूते वैरीफिकेशन किए जाने के बाद किया जा रहा है। यह काम 1 जनवरी से शुरू हो चुका है। मई 2017 तक भारत में लॉन्च होगी रॉयल हिमालय जानें मोटरसाइकिल सिखनें के कुछ आसान टिप्स 2018 तक भारतीय रेल ला रही हैं बिना इंजन की रैल