रेलवे अंडरब्रिज में 5 फीट तक भरा पानी, खतरे में पड़ी लोगों की जान

रतलाम: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में स्थित एक अंडर ब्रिज की समस्या ने कई ग्रामीणों की जिंदगी को मुश्किल में डाल दिया है। रतलाम एवं इंदौर रेलवे लाइन के बीच आने वाले रेलवे ट्रैक के बीच से होकर रतलाम जिले के लगभग पांच गांवों — ढीकवा, मसावड़िया, भीलखेड़ी, आदि — का रास्ता गुजरता है। पहले इस मार्ग पर रेलवे क्रॉसिंग थी, किन्तु तकरीबन 5 साल पहले रेलवे ने इसे बंद कर अंडर ब्रिज बना दिया।

अंडर ब्रिज के बनने के पश्चात् से बारिश के दिनों में पानी भर जाता है, जिससे गांववासियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्हें रतलाम पहुंचने के लिए लगभग 15-20 किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ता है। हाल ही में गांव भीलखेड़ी के निवासी रातनलाल भाभर रविवार की शाम को अपने खेत पर जाने के लिए निकले थे, किन्तु वे रात को घर नहीं लौटे। सुबह उनके परिजनों को जानकारी मिली कि वे खेत पर अचेत पड़े हुए हैं। परिजन उन्हें ट्रैक्टर में डालकर रतलाम शहर ले जाने लगे, मगर अंडर ब्रिज में भरपूर पानी की वजह से रास्ता अवरुद्ध था।

प्राप्त खबर के अनुसर, अंडर ब्रिज में 5-7 फीट पानी भर गया था, जिससे कोई भी इधर से उधर नहीं जा सकता था। परिजन परेशान हो गए तथा एम्बुलेंस को बुलाया, जो दूसरी ओर खड़ी थी। चूंकि अचेत रातनलाल को उस पार कैसे ले जाया जाए, इसका कोई रास्ता नजर नहीं आया, इसलिए उन्हें चारपाई पर लिटाकर कंधों पर उठाकर अंडर ब्रिज पार किया गया। हालांकि, यह प्रयास व्यर्थ गया और रातनलाल की मौत हो गई। रतलाम में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने अंतिम संस्कार रतलाम में करने का फैसला लिया तथा उसके बाद शव को गांव भीलखेड़ी लाए।

अंडर ब्रिज में पानी भरने की समस्या से ग्रामीणों को मानसून के चलते जिला मुख्यालय से कटना पड़ता है। ग्रामीणों ने कई बार ग्राम पंचायत एवं बड़े जनप्रतिनिधियों को इस समस्या के बारे में अवगत कराया है, किन्तु उनकी समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि जब अंडर ब्रिज का निर्माण हो रहा था, तब रेलवे अफसरों को इस समस्या के बारे में सूचित किया गया था, किन्तु किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब ग्रामीण रेलवे अफसरों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं।

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