नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में चिलचिलाती गर्मी का प्रकोप जारी है, जिससे लोगों का दोपहर में बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार को चेतावनी जारी की, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत में मई में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। इससे चार दिनों तक लू चलने की आशंका है। IMD प्रमुख मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, मई में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है। पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, झारखंड, बिहार और अन्य क्षेत्रों में दो से चार दिनों तक गर्म हवाएं जारी रहने की उम्मीद है। आम तौर पर उत्तरी मैदानी इलाकों और प्रायद्वीपीय भारत के मध्य और आसपास के इलाकों में मई में गर्मी की लहरें केवल तीन दिनों तक चलती हैं। हालाँकि, इस महीने दक्षिण राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात में 5-8 दिनों तक लू चलने की संभावना है, लू चलने वाले दिनों की संख्या सामान्य से अधिक रहेगी। आईएमडी ने मई में देश भर में सामान्य बारिश की भविष्यवाणी की है, जिसमें औसत की 91 से 109 प्रतिशत तक बारिश होगी। इसके अलावा, मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना और तमिलनाडु में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। हालांकि, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखंड, दक्षिणी पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों, आंध्र प्रदेश में रायलसीमा और केरल के कई हिस्सों में सामान्य से कम बारिश का अनुमान है। अप्रैल में, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में औसत तापमान 28.12 डिग्री सेल्सियस था, जो 1901 के बाद सबसे अधिक था। तूफानों की औसत से कम आवृत्ति के कारण, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहा। IMD ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में 4 से 6 मई के बीच बारिश और तूफान की भी भविष्यवाणी की है। उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में 1 से 3 मई के बीच तेज हवाएं चलने का अनुमान लगाया गया है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में 33 फीसद महिलाएं, SC ने दिए चुनाव में आरक्षण लागू करने के निर्देश CBI पिंजरे का तोता या आज़ाद एजेंसी ? सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने दाखिल किया अपना बयान सेक्युलर भारत के माथे पर एक दाग है मराड़ नरसंहार, क्या है बहुसंख्यको के कत्लेआम की कहानी ?