जयपुर: राजस्थान में अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चश्तिी की दरगाह के दीवान के उत्तराधिकारी और ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के प्रमुख सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बंगलादेश में दुर्गा पूजा के दौरान अल्पसंख्यक हिंदुओं पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा किए गए हमलों को शर्मनाक और गैर इस्लामिक बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि ऐसा काम करने वाले इस्लाम के दुश्मन हैं और बांग्लादेश सरकार को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। नसीरुद्दीन चिश्ती ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि इस्लाम मजहब में शांति और सहिष्णुता का पालन किया जाता है। मंडपों, पांडालों और मंदिरों पर हमला बेहद निंदनीय है। पैगंबर साहब की शिक्षा के खिलाफ यह कायरता पूर्ण कृत्य है, जिसकी वह कड़ी निंदा करते है। उन्होंने बंगलादेश सरकार से इस मामले में निष्पक्ष जांच करने और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में शामिल कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। नसीरुद्दीन चिश्ती ने आगे कहा कि इन घटनाओं को जिन्होंने अंजाम दिया है, वे इस्लाम के असली शत्रु हैं। उन्होंने कहा कि, ''इस्लाम के नाम पर हिंसा कायरतापूर्ण है। यह इस्लाम की भावना और पैगंबर मोहम्मद की शिक्षा के विरुद्ध है। इस्लाम धर्म के नाम पर हिंसा को कभी जायज नहीं ठहराया जा सकता है। सीरिया ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से किया आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान मुंह में साढ़े 4 लाख का सोना छिपाकर ला रहा था तस्कर, बैंगलोर एयरपोर्ट पर धरया अनुसूचित जनजातियों की सूची में वाल्मीकि और बोया समुदायों को करें शामिल: चंद्रबाबू नायडू