जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती सामने आने वाली है। यहां सूबे की 200 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से 3 विधानसभा सीटें और रिक्त हो गई है। वहीं बता दें पिछले महीने राज्य में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल और MLA कैलाश त्रिवेदी की मौत हुई थी। वहीं इससे पहले एक और MLA की जान गई थी। जिससे इस प्रकार के हालात बन गए हैं। बता दें कांग्रेस ने इसके लिए कमर कस ली है पार्टी इन चुनावों को गहलोत सरकार के रिपोर्ट कार्ड के रूप में ले रही है। उल्लेखनीय है कि मेघवाल के देहांत के बाद गहलोत सरकार में 21 सदस्य रह गए हैं, वहीं विधानसभा की सीटों के हिसाब से गणित लगाया जाए, तो अभी सूबे में कांग्रेस कम से कम 30 मंत्री चुन सकती है, ऐसे में पार्टी को और राहत मिली है। पार्टी के लिए यह चुनौती है कि अब वह किसे कौन सी सीट दें, पार्टी के लिए अभी मंत्रियों को चुनना सरल नहीं है। बता दें सचिन पायलट के विरोध के बाद अब राजस्थान कांग्रेस पार्टी की बागडौर अशोक गहलोत के हाथ में है। बताया जा रहा है कि जल्द दो साल का कार्यकाल कांग्रेस पूरा करने जा रही है। पार्टी आने वाले विधानसभा चुनावों को गंभीरता से ले रही है ताकि अपना रिपोर्ट कार्ड के रूप में माना जा सके। पार्टी यदि जीतती है तो यह माना जाएगा कांग्रेस के काम से राज्य की जनता खुश है और यदि पार्टी को राज्य में सीटें नहीं मिलती है तो विपक्ष इसे गहलोत सरकार की विफलता करार देने वाला है। बंगाल चुनाव: कांग्रेस-वाम मोर्चे में सीट बंटवारे को लेकर बनी बात, लेफ्ट को मिली 101 सीटें 'अयोध्या वाली मस्जिद में नमाज़ पढ़ना और उसके लिए दान देना दोनों 'हराम'...' ओवैसी का भड़काऊ बयान दिल्ली में भड़की हिंसा पर बोले सीएम अमरिंदर, कहा- किसानों के कृत्य से शर्मसार हुआ देश