जयपुर: शेओ विधानसभा क्षेत्र से विधायक मानवेन्द्र सिंह के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निकलने के बाद अब पार्टी को अब न सिर्फ बाड़मेर बल्कि पुरे मारवाड़ में चुनौती का सामना करना पड़ेगा, जहाँ बीजेपी ने 2013 के विधानसभा चुनावों में 30 में से 27 सीटें पर कब्ज़ा किया था. 7 दिसम्बर को बीजेपी यही चाहेगी कि मानवेन्द्र सिंह के पार्टी छोड़ने का असर राज्य के 7 प्रतिशत राजपूत वोटरों पर न पड़े, जिन्हे अपनी तरफ करने के लिए ही कांग्रेस ने मानवेन्द्र से हाथ मिलाया है. सऊदी से इमरान खान का ऐलान, 2019 चुनावों के बाद फिर करेंगे भारत के साथ ये काम यहाँ सिर्फ वोट बैंक की शिफ्टिंग ही बीजेपी की चिंता का कारण नहीं है, इससे बारमेर में बीजेपी की प्रतिष्ठा को भी धक्का लग सकता है, जहाँ 2013 में उसने 8 में से 7 सीटें जीतकर दबदबा कायम किया था. अब इस इलाके में बीजेपी की नैया बारमेर से सांसद सोनाराम चौधरी के सहारे है, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर, बीजेपी का हाथ थामा था. राजस्थान चुनाव 2018: आज राजस्थान जायेंगे राहुल गाँधी, 85 किलोमीटर लंबा रोड शो भी करेंगे चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि मानवेन्द्र सिंह का मुद्दा 2019 के लोक सभा चुनावों को भी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि अगर कांग्रेस राजस्थान में जीतने में कामयाब रहती है तो इसका फायदा उसे आम चुनावों में भी जरूर मिलेगा. आपको बता दें कि राजस्थान की जनता किसी भी सत्ता को लगातार दूसरी बार शासन करने का मौका नहीं देती है, यहाँ की सरकार कांग्रेस और भाजपा के बीच झूलती रही है, अब देखना ये है कि क्या इस बार राजस्थान का इतिहास बदलेगा या फिर कांग्रेस की किस्मत. चुनावी अपडेट:- राफेल मुद्दे पर सवाल उठाने की वजह से हटाए गए है सीबीआई डायरेक्टर : राहुल गाँधी मध्यप्रदेश चुनाव: शिवराज के हाथ से फिसल सकता है आदिवासी वोटबैंक मिशन 2019: RSS के पदाधिकारियों के साथ आज बैठक करेंगे शाह और योगी, ये होंगे अहम् मुद्दे