कोटा में आरएसएस कार्यकर्ता पर हमले के मुद्दे पर गुरुवार को विपक्षी भाजपा ने राजस्थान विधानसभा में हंगामा खड़ा कर दिया, जिससे सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हो गई। शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी और मदन दिलावर ने मामला उठाया लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने उन्हें अनुमति नहीं दी जिसके बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ व अन्य लोग घटना के विरोध में वेल में पहुंचे। जैसे ही उन्होंने अध्यक्ष के फैसले को ललकारा, स्पीकर ने सूचीबद्ध कारोबार को संभाला। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को कानून व्यवस्था की स्थिति पर बोलने की अनुमति दी थी और इस विशेष मामले को उठाने के लिए उस अवसर का इस्तेमाल किया जा सकता था। राजेंद्र राठौड़ और भाजपा विधायकों के हंगामे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपके बीच यह साबित करने की होड़ है कि कौन ज्यादा वफादार है। भाजपा सदस्यों ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के साथ एक आरोपी की कथित फोटो भी माफ कर दी और सरकार से जवाब की मांग की। कोटा में मंगलवार रात आरएसएस के एक कार्यकर्ता को तीन हमलावरों ने गोली मार दी। आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया है। स्पीकर ने कहा कि अगर आरोप लगाने हैं तो ऐसे नियम हैं जिनके तहत ऐसा किया जा सकता है लेकिन हंगामे की इजाजत नहीं दी जा सकती। भाजपा विधायक सदन के वेल में धरने पर बैठ गए जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। भाजपा विधायकों ने सदन के अंदर धरना जारी रखा। कोरोनावायरस के ब्रिटेन संस्करण टीकों द्वारा दिए गए संरक्षण सेंध की है आशंका जीडीपी संकुचन: मलेशिया ने 23 साल में दर्ज की सबसे बड़ी गिरावट अमित शाह ने चुनाव से पहले असम में की कोच-राजबोंग्शी नेता से मुलाकात