नई दिल्ली : अमित शाह ने जब से भाजपा अध्यक्ष की कमान संभाली है, उन्हें चुनौतियां मिलती रही है .आज कर्नाटक चुनाव से निपटने के बाद अब भाजपा अध्यक्ष के सामने राजस्थान के उत्तराधिकारी को चुनने की जिम्मेदारी आ गई है . अशोक परनामी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए जाने के लम्बे अर्से बाद भी पार्टी अब तक नया अध्यक्ष का चयन नहीं कर पाई है. बता दें कि राजस्थान में भाजपा में संगठन का बदलाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है .राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए यह उनके अस्तित्व का सवाल बन गया है. वहीं वसुंधरा राजे के विरोधी पहलेसंगठन में बदलाव, पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष और फिर राज्य में मुख्यमंत्री का नया चेहरा बदलने की चाहत रखते हैं .पार्टी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी सहित बड़ी संख्या में नेता उनके खिलाफ सक्रिय हैं. उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष शाह और प्रधानमंत्री मोदी से भी वसुंधरा राजे के समीकरण सही नहीं चल रहे हैं. दरअसल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का स्वभाव राजनीति में हार नहीं मानने के साथ ही विरोधियों के आगे झुकना भी नहीं चाहती और उन्हें संभलने का मौका भी नहीं देती.वह राजस्थान में भाजपा का नया अध्यक्ष भी अपनी पसंद का चाहती हैं .इसलिए यह पेचीदा मामला अमित शाह के लिए चुनौती बना हुआ है. यह भी देखें तो बच्चों लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक आतंकवादी थे.... बीकानेर में तूफान का प्रवेश, आंधी के साथ बारिश