बूंदी: राजस्थान स्थित बूंदी का इतिहास कुछ वर्षों का नहीं, बल्कि 781 वर्ष पुराना है, जिसकी हरियाली, ऐतिहासिक किलों और बावड़ियों की छटा देखते ही बनती है। जहां एक ओर यह जिला इतिहास में प्रेम, बलिदान और शौर्य की कहानियाँ अपनी गोद में समेटे हुए है, वहीं यह ऐतिहासिक स्मारकों, सांस्कृतिक समृद्धि और पुरातात्विक वैभव से भी सराबोर है। शहर आज अपना जन्मदिन मना रहा है, जिसके लिए नेताओं ने यहाँ के निवासियों को देश के अपने सोशल माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, कू ऐप के माध्यम से शुभकामनाएँ दी हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुभकामनाएँ देते और बूंदी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा की हाड़ौती की जन्मस्थली, स्थापत्य कला व परंपरा के रंगों से सुसज्जित 'छोटी काशी' बूंदी के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज इस शुभ अवसर पर मैं बूंदी नगरी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। Koo App हाड़ौती की जन्मस्थली, स्थापत्य कला व परंपरा के रंगों से सुसज्जित ’छोटी काशी’ बूंदी के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज इस शुभ अवसर पर मैं बूंदी नगरी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। #Rajasthan #BundiFoundationDay View attached media content - Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 24 June 2022 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष, ओम बिरला बूंदी के गौरवशाली इतिहास और वैभवशाली विरासत से रूबरू कराते हुए कहते हैं कि, 'गौरवशाली इतिहास और वैभवशाली विरासत की धरती #बूंदी के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं। वीर कुंभा और हाड़ी रानी की इस धरा पर वीरता की अनेक कहानियां लिखी गई हैं। यहां के लोग राष्ट्र और मानवता की सेवा के प्रति सदैव समर्पित हैं। महान #Bundi नगरी की सेवा का सुअवसर मेरे लिए गौरव का विषय है।' Koo App गौरवशाली इतिहास और वैभवशाली विरासत की धरती #बूंदी के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं। वीर कुंभा और हाड़ी रानी की इस धरा पर वीरता की अनेक कहानियां लिखी गई हैं। यहां के लोग राष्ट्र और मानवता की सेवा के प्रति सदैव समर्पित हैं। महान #Bundi नगरी की सेवा का सुअवसर मेरे लिए गौरव का विषय है। View attached media content - Om Birla (@ombirlakota) 24 June 2022 वहीं, एक अन्य पोस्ट के माध्यम से ओम बिरला ने बूंदी के ऐतिहासिक महल, मंदिर और बावड़ियों की बहुत ही सुंदर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा है कि, ऐतिहासिक किले, महल, केशवरायपाटन मंदिर, बावड़ियां समेत अनेक ऐसे स्थान हैं जो बूंदी को पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध बनाते हैं। चावल और सैंड स्टोन के लिए भी बूंदी दुनियां में विख्यात है। आशा है कि निकट भविष्य में बुनियादी सेवाओं में सुधार के साथ बूंदी विकास के नए पथ पर अग्रसर होगा।' Koo App ऐतिहासिक किले-महल, केशवरायपाटन मंदिर, बावड़ियां समेत अनेक ऐसे स्थान हैं जो बूंदी को पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध बनाते हैं। चावल और सैंड स्टोन के लिए भी बूंदी दुनियां में विख्यात है। आशा है कि निकट भविष्य में बुनियादी सेवाओं में सुधार के साथ बूंदी विकास के नए पथ पर अग्रसर होगा। View attached media content - Om Birla (@ombirlakota) 24 June 2022 बता दें कि बूंदी को 'परिंदों का स्वर्ग' और 'सिटी ऑफ वेल्स' भी कहा जाता है। छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध यह जिला अपनी प्राकृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। खास बात यह है कि मंदिरों, युद्ध प्राचीरों, हवेलियों, झरोखों और धार्मिक सामंजस्य के बूंदी नगर को हाड़ौती की जन्मस्थली होने का गौरव भी प्राप्त है। अरावली की पर्वत श्रंखलाएँ बूंदी को और भी मनोरम बनाती हैं। यहाँ की संस्कृति, लोक परम्पराएं और ऐतिहासिक धरोहर देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। जिले में घने जंगल हैं, जो भारी मात्रा में पशु और पक्षियों के लिए निवास स्थान है। यहाँ के जलाशयों में भ्रमण करते देसी-विदेशी परिंदे देखे जा सकते हैं। बूंदी जिले में रणथंभौर बाघ परियोजना, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, रामगढ़ विषधारी अभ्यारण, चंबल घड़ियाल अभ्यारण और जवाहर सागर अभ्यारण का भाग सम्मिलित है। विदेशी पक्षी भी देखने आते हैं यहाँ की छटा:- जिले में कई जलाशय हैं। जिला मुख्यालय सहित 9 विभिन्न जलाशयों में सर्दी के आगमन के साथ ही देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। जिले में मुख्य रूप से 9 बर्ड वॉचिंग पॉइंट्स हैं। जलाशयों में विचरते पक्षियों की चहचहाट से पूरा जिला गूंज उठता है। क्या कहता है इतिहास? इतिहासकारों के मुताबिक 24 जून 1241 में हाड़ा वंश के राव देवा ने मीणा सरदारों से इस जिले को जीता था। कहा जाता है कि 'बूंदा मीणा' ने इस जिले की स्थापना की थी, यही कारण है कि इसका नाम 'बूंदी' पड़ा। बूंदी की पूर्व रियासत पर 24 राजाओं का राज रहा, जिनके शासन काल में अलग-अलग निर्माण कराए गए, शहर का विस्तार किया गया, साथ ही कुंड-बावड़ियों और छतरियों का निर्माण कराया गया।हालाँकि, बूंदी के इतिहास को लेकर इतिहासकारों की अलग-अलग मान्यताएँ हैं। यहाँ के अद्भुत महल राजपूत वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना हैं। इसमें बूंदी के कई भित्ति चित्र भी शामिल हैं। यहाँ का हजारी पोल, नौबत खाना, हाथी पोल, दीवान ए आम, छत्र महल, बादल महल और फूल महल विशेष आकर्षण के केंद्र हैं। 'कृषि कानून' से लेकर 'अग्निपथ' तक यूँ ही नहीं जला देश, सत्ता पाने के लिए नेताओं ने भड़काई आग ! 20 साल की हुईं प्रियंका की बेटी, पिता ने खूबसूरत कैप्शन लिखकर शेयर की तस्वीर विधायक के हाथ मारते ही भरभराकर गिरी इंजीनियरिंग कॉलेज की दीवार, Video देख हैरान हो गए लोग