जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने पशुपालकों के लिए एक नया कानून बनाया है। इसके मुताबिक, शहरी क्षेत्र में एक ही गाय या भैंस पालने की अनुमति होगी। इसके लिए भी वार्षिक लाइसेंस भी लेना होगा। पशु पालने पर 100 वर्ग गज अतिरिक्त भूमि रखनी होगी। नए नियम, नगर निगमों और परिषदों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में लागू होंगे। यानी इसके दायरे में राज्य के लगभग 213 शहर आएँगे। नए नियमों के मुताबिक, यदि गोवंश खुले में घूमते पाए गए तो मालिकों पर 10000 रुपए का जुर्माना लगेगा। लाइसेंस मिलने के बाद पशु के कान में टैग बाँधा जाएगा। इस पर मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर अंकित होगा। प्रत्येक 10 दिन पर गोबर शहर से बाहर ले जाकर डालना होगा। रास्ते या खुली जगह पर पशु को बांधने पर रोक होगी। इन नियमों का पालन नहीं होने पर 1 माह के नोटिस पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। इसके बाद बाद संबंधित शख्स फिर से पशु नहीं पाल सकेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए मानदंडों के तहत लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदक को उचित स्वच्छता के साथ मवेशियों को रखने के लिए प्रस्तावित जगह के लिए विवरण पेश करना होगा। 1000 रुपए वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूला जाएगा। वहीं, जनहित में काम करने वाले शैक्षणिक, धार्मिक व अन्य संस्थानों को आधी रकम चुकानी होगी। इसके साथ ही जिस स्थान पर मवेशियों को रखा जाएगा, उसका स्वच्छ रखना भी आवश्यक है। स्वच्छता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता करने पर 500 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। सार्वजनिक स्थानों पर बगैर परमिट मवेशियों के चारे की बिक्री की इजाजत नहीं होगी। बिना लाइसेंस के चारा बेचने पर भी 500 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इन नियमों के लागू होने के बाद शहरी क्षेत्र की 95 फीसदी आबादी गाय-भैंस नहीं पाल पाएगी। 'यूपी लैब असिस्‍टेंट के तीन-चौथाई पदों पर होगी सीधी भर्ती..', योगी सरकार का बड़ा फैसला अरुणाचल प्रदेश में चीन बॉर्डर पर भूस्खलन, एक ही परिवार के 3 लोगों मलबे में दफ़न जिस वैन में बैठकर पहुंचा स्कूल, उसी की चपेट में आने से गई 8 वर्षीय मासूम की जान