चूरु: चूरु के सरदारशहर के बीकानेर रोड पर करणी माता मंदिर को जोधपुर हाई कोर्ट ने तोड़ने के आदेश दिए है। जी दरअसल 4 जनवरी तक इस मंदिर को तोड़ा जाना है। आपको बता दें कि रोड से 75 फीट की दूरी में ये मंदिर आता है। जी हाँ और इसको लेकर शहर के मिलाप माली नामक व्यक्ति ने जोधपुर हाईकोर्ट में मंदिर को हटाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की और 14 दिसंबर को हाई कोर्ट ने चूरू जिला कलेक्टर के नाम एक आदेश दिया गया कि 4 जनवरी 2023 तक इस मंदिर को तोड़कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। आप सभी को यह भी बता दें कि स्थानीय लोगों के मुताबिक ये मंदिर करीब 60 साल पहले स्वर्गीय पूर्णाराम प्रजापत ने बनवाया था। मध्यप्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल जारी जी हाँ और उसके बाद से लगातार यहां पर श्रद्धालुओं की आस्था बनी हुई है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन यहां पर मत्था टेकने आते हैं। वहीं जैसे ही उपखंड अधिकारी बृजेंद्रसिंह मौका रिपोर्ट करने पहुंचे, उसके बाद तहसीलदार पटवारी भी यहां पर मौका रिपोर्ट करने पहुंचे, जैसे-जैसे मंदिर तोड़ने की सूचना स्थानीय श्रद्धालुओं को लगी सैकड़ों की संख्या में शहर के श्रद्धालु मंदिर पर इकट्ठे हो गए और मंदिर तोड़ने के आदेश का विरोध जताने लगे, मंदिर तोड़ने की सूचना पूरे शहर में आग की तरह फैल गई और धीरे-धीरे शहरवासी यहां पर जुटने शुरू हो गए। इस मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं का कहना है कि कुछ भी हो जाए, इस मंदिर की 1 ईंट तक को यहां से नहीं हटाने देंगे। सिख समाज ने खालिस्तानी समर्थक के पकड़े जाने को लेकर की पत्रकारवार्ता वहीं इस मौके पर शहर के हरिराम सैनी ने बताया कि इस मंदिर से 1 किलोमीटर स्थित इसी सड़क पर काफी मंदिर है, जो 75 फीट की दूरी के दायरे में आते हैं, लेकिन उन मंदिरों को ना हटाकर सिर्फ इसी मंदिर को हटाया जा रहा है, लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए हम इस मंदिर को यहां से नहीं हटाने देंगे, हाईकोर्ट के इस आदेश से हमारी आस्था को ठेस पहुंची है। क्या है मामला- जी दरअसल कुछ समय पहले इस मंदिर को लेकर विवाद भी हुआ था, इस मंदिर के पास की जमीन को किसी व्यक्ति ने खरीदा था जिसको लेकर यहां पर रास्ते को लेकर विवाद हुआ था। वहीं उसके बाद मौके पर पुलिस भी आई थी और उन्होंने ये माना था कि मंदिर रास्ते की भूमि पर नहीं है, लेकिन उसके बाद दो नंबर सत्तू कॉलोनी के मिलाप माली और रामनगर बास के पंकज माली ने हाईकोर्ट में इस मंदिर को तुड़वाने को लेकर एक रिट दायर की। एनडीआरएफ द्वारा रेल दुर्घटना की मॉक ड्रील की गई इस मामले में दीपू जैसनसरिया ने कहा कि मामले को लेकर हमारे द्वारा भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है और हमारी याचिका को एक एक्सेप्ट भी कर लिया गया है, इसलिए हमने कलेक्टर एसडीएम और तहसीलदार से गुहार लगाई है कि जब तक हमारे द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई नहीं होती, तब तक इस मंदिर को नहीं तोड़ा जाए। वहीं जब पूरे मामले को लेकर हमने एसडीएम बृजेंद्रसिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर को हाई कोर्ट जोधपुर द्वारा एक फैसला आया है, कि बीकानेर रोड स्थित एक मंदिर है जो रोड बाउंड्री में आता है और अतिक्रमण क्षेत्र में है, उस मंदिर को 4 जनवरी 2023 तक हटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। जिस पर हमने और तहसीलदार, पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी सहित अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना करवाया गया। जिस पर ये पाया गया कि ये मंदिर कच्ची मिट्टी के ऊपर टिका हुआ था। आपको बता दें कि कुछ समय पहले पास वाली भूमि के मालिक ने भूमि को समतल किया गया तब ये मंदिर गिरने की कगार पर आ गया, तो स्थानीय लोगों ने इस मंदिर को बचाने के लिए यहां पर निर्माण किया, अभी स्थानीय लोगों की आस्था और भावनाओं को देखते हुए और हाईकोर्ट उच्च न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जाएगी। बेटी संग 30 घंटों तक जर्मनी के एयरपोर्ट में फंसी रहीं ये मशहूर अदाकारा, शेयर किया वीडियो महाराष्ट्र में भीषण सड़क हादसा, BJP विधयक जयकुमार गोरे गंभीर रूप से घायल बेहट में झिलमिल नदी के किनारे ध्रुपद केंद्र में सजी तानसेन समारोह की नौंवी सभा