बीजेपी को सीएम गहलोत का झटका, अधिसूचना ने कम की CBI की शक्ति

राजस्थान में चल रही राजनीतिक हलचल के बीच अब प्रदेश और केंद्र सरकार के मध्य भी टकराव की स्थिति बन गई है. राजस्थान गवर्नमेंट ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें बताया गया है कि सीबीआई को किसी पडताल से पहले प्रदेश सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इसे लेकर बताया है कि प्रदेश सरकार घबराई हुई है. 

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राजस्थान गवर्नमेंट ने एक अधिसूचना जारी कर बताया है, कि भारत गवर्नमेंट को (सीबीआई) के डीएसपीई कानून 1946 की धारा तीन के तहत किसी अपराध की पडताल के लिए अब प्रदेश सरकार की इजाजत लेनी होगी.

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अधिकारियों के मुताबिक इस कानून के अनुसार आने वाले अपराधों में अब राज्य सरकार की सामान्य सहमति मान्य नहीं होगी. केस दर केस के आधार पर रजामंदी लेनी होगी. प्रदेश सरकार के गृह विभाग इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह ने बताया कि इसके प्रशासनिक प्रावधान पहले से ही मौजूद थे. जिसे कल अधिसूचित किया गया. अधिसूचना में बताया गया है, कि राजधानी विशेष पुलिस गठन कानून (डीएसपीई) 1946 की धारा तीन के तहत आने वाले किसी भी अपराध की जांच के लिए ​केस दर केस के आधार पर राजस्थान सरकार से पूर्व रजामंदी लेनी होगी.

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दरअसल, गहलोत गवर्नमेंट को आशंका है, कि केंद्र की बीजेपी गवर्नमेंट कांग्रेस एमएलए पर दबाव बनाने के लिए सीबीआई का उपयोग कर सकती है. बीते दिनों जयपुर में आयकर विभाग की ओर से की गई छापेमारी के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, कि केंद्र सरकार एजेंसियों को पुनह सक्रिय कर चुकी है. 

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