जयपुर: जलशक्ति अभियान के माध्यम से पानी को बचाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. इस अभियान के तहत परम्परागत जल स्त्रोतों को दोबारा विकसित करके पानी का स्तर बढ़ाया जाएगा. जयपुर जिले के आमेर में भी पुराने कुएं और बावड़ियां है, जिन्हें फिर से जिवंत करने की आवश्यकता है. इसके लिए सरकार के साथ ही हम लोगों भी जागरुक होना होगा. दुनिया के नक्शे पर आमेर एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. 3 किलोमीटर के दायरे में फैले आमेर में 12 से अधिक बावड़ियां है. जिनका निर्माण उस समय के शासकों ने अपनी आवश्यकता के हिसाब कराया था. इन बावड़ियों में पानी भरा हुआ रहता था, जो धरती के जल स्तर को कम होने नहीं देता था. किन्तु जैसे-जैसे राजा महाराजों का शासन समाप्त हुआ. इन बावड़ियों की दशा भी बिगड़ने लगी. आज ये सूख चुकी है और किसी काम की नहीं बची है. राजस्थान में मानसून की दस्तक दे चुका है, किन्तु राज्य के 95 फीसदी जलस्रोत खाली पड़े है. यदि इन पुराने जल स्त्रोंतों में पानी भर जाए तो जल स्तर बढ़ने के साथ पानी की किल्लत को भी दूर किया जा सकता है. किन्तु ये काम किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि बावड़ियों पर अतिक्रमण के साथ ही भूमाफियाओं का कब्जा भी है. National Law University Delhi में इन पदों पर जॉब ओपनिंग, ये है लास्ट डेट पांचवे दिन भी पेट्रोल के दामों में मिली राहत, डीजल की कीमत भी रही स्थिर JRF के पदों पर जॉब ओपनिंग, मिलेगा आकर्षक वेतन