जोधपुर: राजस्थान के वकीलों को अब अदालती कार्रवाई के दौरान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को 'माई लॉर्ड' और 'लॉर्डशिप' बोलकर संबोधित नहीं करना होगा। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों की फुलबेंच ने सोमवार को ये फैसला लिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस फैसले के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय में जजों को 'माई लॉर्ड' और 'लॉर्डशिप' कहकर संबोधित करने से वकीलों को छूट मिली है। उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद 'माई लॉर्ड' और 'यूआर लॉर्डशिप' शब्दों से वकीलों की दूरी बनेगी। इस संदर्भ में उच्च न्यायालय प्रशासन ने सोमवार को जारी किए गए आदेश में वकीलों को निर्देश दिया है कि जजों को माई लार्ड, लार्डशिप जैसे शब्दों से संबोधित न करें। बताया जा रहा है कि अदालत के रजिस्ट्रार जनरल ने इस बात को लेकर सोमवार को नोटिस जारी किया है। आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट के कार्यकाल में हुई पूर्णपीठ की पहली मीटिंग रविवार को हुई। इस दौरान जोधपुर पीठ के न्यायमूर्तियों ने हिस्सा लिया था। इस दौरान यह निर्धारित किया गया है कि संविधान में निहित समानता के अधिकारों को ध्यान रखते हुए न्यायमूर्तियों को माय लॉर्ड कह कर संबोधित नहीं करना चाहिए। इस आदेश को लेकर हाई कोर्ट ने नोटिस भी जारी कर दिया है। National Law University Delhi में इन पदों पर जॉब ओपनिंग, ये है लास्ट डेट पांचवे दिन भी पेट्रोल के दामों में मिली राहत, डीजल की कीमत भी रही स्थिर JRF के पदों पर जॉब ओपनिंग, मिलेगा आकर्षक वेतन