साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को कौन नहीं जनता, बल्कि साउथ में इन्हें भगवान माना जाता है. इनकी हर फिल्म के लिए फैंस दीवाने रहते हैं और कोई भी फिल्म ऐसी नहीं होती जिसे दर्शक पसंद नहीं करते. लेकिन आपको बता दें, साउथ में ये जितने फेमस हैं उतने ही हिंदी फिल्मों में भी अपना नाम कमा चुके हैं. साउथ के अलावा हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी कुछ हिंदी फिल्में जिसमें उन्होंने काम किया है. इसके पहले आपको बता दें, रजनीकांत का पूरा नाम शिवजी रओ गायकवाड़ है. इनका जन्मद 12 दिसंबर 1950 को हुआ था और अब ये 68 वर्ष पूरे करने वाले हैं. पिछले दिनों कबाली में नजर आये दक्षिण के सुपर स्‍टार रजनीकांत की पहली बॉलीवुड फिल्‍म थी अंधा कानून. इस फिल्‍म में वे सदी के महानायक अमिताभ बच्‍चन और हेमा मालिनी के साथ नजर आये थे. इसके बाद उन्‍होंने 'अंदर बाहर' और 'चालबाज' से लेकर हम तक कई हिट फिल्‍में बॉलीवुड में कीं. क्‍या आप जानते हैं कि उन्‍होंने टोटल कितनी बॉलीवुड फिल्‍मों में काम किया है तो हम आपको बता देते हैं रजनीकांत ने कुल 28 बॉलीवुड फिल्‍में की हैं. उन्‍होंने कुल 22 फिल्‍मों में मुख्‍य भूमिकायें निभाई हैं. बाकी में उन्होंने गेस्ट अपीयरेंस दिया है. 1983 में आयी पहली हिंदी फिल्‍म 'अंधा कानून' इसी साल उनकी फिल्‍म 'जीत हमारी' भी प्रदर्शित हुई. 1984 में रजनीकांत की तीन हिंदी फिल्‍में 'मेरी अदालत', 'गंगवा' और 'जॉन जॉनी जनार्दन' रिलीज हुईं. इसके बाद उनकी फिर दो फिल्‍में 1985 में प्रदर्शित हुई. इनमें पहले आयी 'महागुरू' और उसके बाद इसी साल अगस्‍त में 'वफादार' रिलीज हुई. 1986 में तीन फिल्‍में 'बेवफायी', 'भगवान दादा' और 'दोस्‍ती दुश्‍मनी'. 1987 में उनकी फिर दो फिल्‍में प्रदर्शित हुईं. इनके नाम थे 'इंसाफ कौन करेगा' और 'उत्‍तर दक्षिण'. साल 1988 में उनका दो और तीन का सिलसिला टूट गया और सिर्फ एक ही फिल्‍म रिलीज हुई 'तमाचा'. 1989 में वापस दो फिल्‍में रिलीज हुईं पहले 'भ्रष्‍टाचार' और फिर श्रीदेवी और सनी देयोल के साथ सुपरहिट फिल्‍म 'चालबाज'. 1990 में खामोशी के बाद 1991 रजनीकांत का बॉलीवुड में सबसे कामयाब साल रहा जब उनकी एक दो नहीं बल्‍कि चार फिल्‍में रिलीज हुईं. इसमें सुपर हिट फिल्‍म 'हम' भी शामिल है जिसमें वे फिर से अमिताभ और गोविंदा के साथ नजर आये. इसके अलावा बाकी तीन फिल्‍में 'फरिश्‍ते', 'खून का कर्ज' और 'फूल बने अंगारे' थीं. इसके बाद बॉलीवुड में रजनीकांत की स्‍पीड रुक गयी. 1992 में उन्‍होंने नाकामयाब फिल्‍म 'त्‍यागी' की. उसके बाद 1993 में औसत फिल्‍म इंसानियत के देवता आयी. बॉलीवुड में अपने दौर को खत्‍म होते देख रजनीकांत ने उसे नमस्‍कार कहना ही बेहतर समझा और 1994 में कोई फिल्‍म ना करने के बाद 1995 में आखिरी फिल्‍म 'आतंक ही आतंक' आमिर खान के साथ करने के बाद यहां से विदा ले ली. 'रोबोट' ने पकड़ी रफ़्तार, यह हफ्ते में कर ली शानदार कमाई 2.0 : फिल्म में अपने रोल को देखकर एमी को लगा झटका, खा ली ये कसम 3.0 में बहुत छोटे नज़र आएंगे रजनीकांत, सामने आई ये बात