चेन्नई : जब से दक्षिण भारत के प्रसिद्ध अभिनेता रजनीकांत ने अपना एक नया राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की है, तब से उनके द्वारा दिए जा रहे बयान मीडिया की सुर्खियां बन रहे हैं. इस कड़ी में उनका तजा बयान सामने आया है , जिसमें उन्होंने लीक से हटकर राजनीति करने के संकेत दिया हैं . बता दें कि रजनीकांत ने कहा, कि मैं जाति या धर्म से अलग हट कर आध्यात्मिक ज्ञान को प्रोत्साहन दूंगा. उनका कहना है कि अगर वे सत्ता में आते हैं और तीन सालों में कुछ नहीं कर पाए तो वे इस्तीफा दे देंगे. रजनीकांत को लगता है कि तमिलनाडु में लोकतंत्र संकट से गुजर रहा है. उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में अगला विधानसभा चुनाव साल 2021 में होगा. पिछले पचास सालों से तमिलनाडु में द्रविड़ राजनीति करने वाले स्थानीय दलों का ही प्रभुत्व रहा है. ये दल सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को अपनी मुख्य विचारधारा मानते हैं.लेकिन रजनीकांत आध्यात्मिक ज्ञान को अहमियत देने का इरादा रखते हैं. स्मरण रहे कि रजनीकांत को दक्षिण में भगवान के समान माना जाता है . इसलिए तगड़े वोट बैंक की खातिर सभी रजनीतिक दल उनके समर्थन की आस करते हैं . इसीलिए अगले साल कर्नाटक में होने वाले विधान सभा चुनाव में रजनीकांत का समर्थन पाने के लिए भाजपा अभी से उन पर डोरे डाल रही है. यह भी देखें रजनी ने लॉन्च लिया अपना लोगो रजनीकांत को अपने पक्ष में करने की कोशिश में भाजपा