नई दिल्ली: आज 20 अगस्त को देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी की जयंती है। जब भी राजीव गांधी के कार्यकाल की बात होती है, तो भोपाल गैस कांड की दर्दनाक तस्वीर आँखों के आगे घूमने लगती है। जिसमे हज़ारों लोग बेमौत मारे गए थे और इस मौत के जिम्मेदार शख्स को राजीव गांधी ने रातों-रात देश से बाहर फरार करवा दिया था। 1984 की उस काली रात का भोपाल गैसकांड को कोई भी भारतीय नहीं भूल सकता। जब पूरे शहर पर मौत पसर गई थी। जो घरों में सो रहे थे, उनमें से हजारों सोते ही रह गए, भोपाल की यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव होने लगा। जिससे देखते ही देखते हजारों लोग इसकी चपेट में आ गए। चंद घंटों में 3000 जीवित मनुष्य, लाश बन गए। भोपाल गैस कांड के चार दिन बाद 7 दिसंबर को यूनियन कार्बाइड के मालिक वारेन एंडरसन भोपाल पहुंचा, वहां उसे अरेस्ट भी कर लिया गया। किन्तु महज 25 हजार रुपए में उसे जमानत दे दी गई। उसे यूनियन कार्बइड के भोपाल गेस्ट हाउस में नजरबंद रखा गया था, मगर अंदर ही अंदर पूरा सिस्टम उसे भागने में मदद कर रहा था। रातों रात एंडरसन को एक सरकारी विमान द्वारा भोपाल से दिल्ली लाया गया। दिल्ली मे वह अमेरिकी राजदूत के आवास पर पहुंचा और फिर वहां से एक प्राइवेट एयरलाइंस से मुंबई और मुंबई से अमेरिका रवाना हो गया। मध्य प्रदेश के पूर्व विमानन निदेशक आरएस सोढ़ी ने इसे लेकर एक बयान भी दिया था, जिसमे उन्होंने कहा था कि उनके पास एक फोन आया था जिसमें भोपाल से दिल्ली के लिए एक सरकारी विमान तैयार रखने को कहा गया था। इसी विमान में बैठकर एंडरसन दिल्ली पहुंचा था। उस समय भोपाल के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी एंडरसन को विमान में चढ़ाने के लिए खुद गए थे। उस समय मध्य प्रदेश के सीएम अर्जुन सिंह थे और राजीव गाँधी पीएम थे। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के खुफिया दस्तावेजों के अनुसार, हज़ारों लोगों की मौत के जिम्मेदार एंडरसन की रिहाई के आदेश खुद राजीव गांधी सरकार ने दिए थे। अगले 3 सालों में यूपी में बनने लगेंगी ब्रह्मोस मिसाइलें, 80 एकड़ में बन रहा डिफेंस कॉरिडोर 'सरकार बना लेना आसान है, लेकिन राष्ट्र निर्माण करना नहीं..', विपक्ष पर PM मोदी का करारा तंज सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से खफा हैं CJI, कहा- आज तो नहीं, लेकिन विदाई के दिन करूँगा बड़ा खुलासा