नई दिल्ली: देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन की रिहाई के मामले में दाखिल की गई याचिका पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई 17 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है। नलिनी ने याचिका दाखिल करते हुए वक़्त से पहले रिहाई की मांग की थी। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ समय की कमी की वजह से याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकी थी। गुरुवार (13 अक्टूबर, 2022) को तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी के कातिलों नलिनी और आरपी रविचंद्रन की रिहाई का समर्थन किया था। सरकार ने कहा था कि 2018 में उनकी ओर से सजा में छूट के लिए गवर्नर को जो सिफारिश भेजी गई थी, वह गवर्नर के लिए बाधियकारी है। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में दो हलफनामे दायर करते हुए कहा कि 9 सितंबर, 2018 को मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी और उस समय 7 दोषियों की दया याचिका के बारे में विचार किया गया था। इस पर राज्यपाल को सिफारिश भेजी गई थी कि आजीवन कारावास की सजा में छूट दी जाए। राज्य सरकार ने कहा है कि आर्टिकल 161 के अधिकारों का उपयोग करते हुए उसने कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले को अंतिम मानते हुए गवर्नर से इसे लागू करने की सिफारिश की थी। तमिलनाडु सरकार ने कहा कि 11 सितंबर को सातों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा में छूट देने के लिए गवर्नर को सिफारिश भेजी गई थी, जो उनके कार्यालय में आज भी लंबित है। मुख़्तार अंसारी के फरार बेटे को महीनों से खोज रही यूपी पुलिस, नहीं मिल रहे विधायक अब्बास जाते-जाते जमकर बरसेगा मानसून, इन राज्यों में अगले 5 दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट Zoom को इंडियन आर्मी ने दी अंतिम बिदाई, कई अफसरों के साथ आर्मी डॉग्स भी रहे मौजूद