नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र जारी है, गुरुवार को सर्वसम्मति से ओबीसी आयोग विधेयक पारित कर दिया गया लेकिन एससी/एसटी विधेयक का मामला अभी अधर में है. पिछले दो दिनों से संसद में असम एनआरसी का मुद्दा छाया हुआ है. आज सदन में तृणमूल सांसदों को शांत करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर कहा है कि ये एक मसौदा है, अंतिम लिस्ट नहीं है. गृहयुद्ध की कगार पर भारत....??? राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआरसी की पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में चल रही है, हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के वाकया दोहराते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि , एनआरसी की प्रक्रिया असम संधि के तहत 1985 में शुरू हुई थी, जब स्वर्गीय राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, इस निर्णय को 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आगे बढ़ाया था. असम की तरह अन्य राज्यों में भी एनआरसी की मांग उठी राज्य सभा में राजनाथ सिंह ने कहा है कि किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी, इसलिए डरने की जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग एनआरसी मुद्दे को लेकर देश में भय का माहौल बना रहे हैं , जो की निंदनीय है. राजनाथ सिंह ने आश्वस्त किया है कि एनआरसी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया है. खबरें और भी:- एनआरसी मुद्दे पर हंगामे की वजह से राज्‍यसभा दिनभर के लिए स्‍थगित असम में एयरपोर्ट पर तृणमूल कांग्रेस के 6 सांसद गिरफ्तार एनआरसी का विरोध करना ममता को पड़ा महंगा, दो नेताओं ने छोड़ी पार्टी