जयपुर। सीमा के दूसरी ओर से भारत पर होने वाली गोलीबारी को लेकर आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सीमा पार से की जाने वाली गोलीबारी बहुत हो रही है लेकिन पहली गोली हम तो नहीं चलाऐंगे लेकिन यदि हमें मजबूर किया गया तो फिर यहां से चलने वाली गोलियों को गिना भी नहीं जाएगा। दरअसल वे महाराणा प्रताप की 477 वीं जयंती के अवसर पर राजस्थान के पाली क्षेत्र में थे। यहां उन्होंने पाली के खारोकड़ा में आयोजित समारोह में भागीदारी की। महाराणा प्रताप की मूर्ति का अनावरण यहां पर किया गया। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे उन्होंने उपस्थितों को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास में अकबर को अकबद द ग्रेट कहा गया आखिर महाराणा प्रताप को महाराणा प्रताप द ग्रेट कहा जाना चाहिए। मगर महाराणा प्रताप में ऐसी क्या कमी दिखाई दी जो उसे महान नहीं कहा। महाराणा प्रताप के साहस का मूल्यांकन उन्होंने नहीं किया। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1857 के स्वाधीनता संग्राम और महाराणा प्रताप की लड़ाई में बड़ी समानताऐं हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन महाराणा प्रताप के जीवन में संघर्ष था। उनके लिए स्वाधीनता का लक्ष्य था और तो और उन्हें एक तरह से कांटों का ताज मिला था। नक्सली हमले पर तेज हुई राजनीति, कांग्रेस ने की केंद्रीय गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग उग्रवाद के विरोध में होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगी CM ममता बनर्जी