'सेना में जाना चाहता था, लेकिन...,', राजनाथ सिंह ने सुनाया अपने जीवन का बड़ा किस्सा

इम्फाल : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपने जीवन को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि उनका बचपन का सपना था कि वो फ़ौज में जाएं और इसके लिए उन्होंने बकायदा परीक्षा भी दी थी, मगर पारिवारिक समस्याओं की वजह से यह सपना पूरा नहीं हो सका। मणिपुर के इम्फाल में असम राइफल्स और इंडियन आर्मी के 57वें माउंटेन डिवीजन के कर्मियों को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री ने ये बातें कहीं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि, 'मैं अपने बचपन की एक कहानी आप सबके साथ साझा करना चाहता हूं। मैं भी सेना में शामिल होना चाहता था और इसके लिए मैंने शॉर्ट सर्विस कमीशन की एग्जाम भी दी थी। मैंने लिखित परीक्षा दी थी, मगर मेरे परिवार में कुछ स्थितियों की वजह से, जिसमें मेरे पिता की मृत्यु भी शामिल है, मैं सेना में शामिल नहीं हो सका।' राजनाथ ने आगे कहा कि वर्दी का अर्थ ही अलग होता है। इस वर्दी में बहुत ताकत है। उन्होंने कहा कि 'आप देखेंगे, यदि आप किसी बच्चे को सेना की वर्दी देते हैं, तो उसका व्यक्तित्व बदल जाता है। इस वर्दी में एक करिश्मा है।'

इस दौरे पर रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी मौजूद थे। यहां उन्होंने जवानों के साथ मुलाकात की और उनका हौसला भी बढ़ाया। इस दौरान रक्षा मंत्री ने भारत-चीन गतिरोध के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा दिखाई गई बहादुरी को भी याद किया। उन्होंने कहा कि, 'जब भारत-चीन गतिरोध चल रहा था, आप सभी नहीं जानते होंगे, मगर मुझे पता है और उस वक़्त के सेना अध्यक्ष हमारे जवानों द्वारा दिखाई गई वीरता और साहस को जानते हैं, देश हमेशा आपका ऋणी रहेगा।'

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