कल यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने 137 साल पुराने कावेरी जल विवाद पर तमिलनाडु और कर्नाटक बीच के झगडे को सुलझाते हुए बड़ा फैसला दिया है. जिसमे पानी के बटवारे के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा की नदीजल किसी एक राज्य की संपति नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के हिस्से का पानी बढ़ा दिया. फैसले के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने खुशी जताई है. वही तमिलनाडु में गहरी निराशा है विपक्षी डीएमके पार्टी ने राज्य सरकार से इस्तीफा मांग लिया है, जबकि सत्तारुढ़ एआईएडीएमके ने पानी के लिए लड़ाई जारी रखने की बात कही. इसी क्रम में सुपरस्टार रजनीकांत ने ट्वीट के जरिए फैसले पर निराशा जताई और उन्होंने तमिलनाडु सरकार को इसके खिलाफ जनहित याचिका दाखिल करने की मांग की. उन्होंने कहा कि किसानों की जिंदगी पर खासा असर पड़ेगा. दूसरी ओर फैसले के बाद बुलाए अपने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में हासन ने हैरानी जताते हुए कहा, 'मैं तो जल आपूर्ति कम करने से हैरान हूं. मुझे अभी पूरी जानकारी हासिल करने के लिए असल फैसले की कॉपी का इंतजार है. मैं सोचता हूं कि कोर्ट ने सख्ती से कहा है कि पानी पर किसी भी राज्य का हक नहीं होगा. यही फैसले का अहम पहलू है.' गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों का अस्तित्व ख़तरे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ीं कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला