जयपुर : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के राजस्थान और मध्य प्रदेश में गत वर्ष 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान एससी-एसटी समुदाय के लोगों पर दर्ज किए गए मुकदमें वापस न लेने की स्थिति में समर्थन वापस लेने की धमकी देने के बाद राजस्थान में इस सम्बन्ध में काम शुरू हो गया है. राजस्थान सरकार ने भारत बंद के दौरान दर्ज किए गए प्रकरणों को वापस लेने की कवायद आरम्भ कर दी है. कर्नाटक एक सियासी नाटक जारी, कांग्रेस के चार विधायकों का भाजपा में जाना पक्का इस संबंध में गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी गई है. बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने इस सम्बन्ध में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप से भी चर्चा की है. उल्लेखनीय है कि, 2018 में 2 अप्रैल को दलित संगठनों की तरफ से भारत बंद किया गया था. बंद के दौरान राजस्थान में भड़की हिंसा को लेकर 321 केस दर्ज किए गए थे. इन मामलों में से 262 मामलों में एससी-एसटी समुदाय के लोगों को आरोपी बनाया गया था. भाजपा के 'शत्रु' के समर्थन में आई कांग्रेस और राजद, कहा हिम्मत हो तो पार्टी से निकाल के दिखाओ वहीं कांग्रेस सरकार की तरफ से मुकदमें वापस लेने पर भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने मुकदमें वापस लेने की कार्रवाई को बसपा सुप्रीमो मायावती के डर का असर बताया है. राठौड़ ने कहा है कि इससे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. राठौड़ के बयान पर राजस्थान के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है, '' भाजपा सरकार के दौरान यदि किसी नौजवान, किसी धर्म या जाति के लोगों पर झूठे मुकदमें थोपे गए हैं, तो हम उन्हें न्याय देंगे. '' खबरें और भी:- लालू की बेटी मीसा भारती के विवादित बयान पर भाजपा का पलटवार, कही ये बड़ी बात कोलकाता में विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन के बाद, आज रामलीला मैदान से भाजपा भरेगी हुंकार लोकसभा चुनाव: बोतल से बाहर आया ईवीएम का जिन्न, अपनी मांगें लेकर चुनाव आयोग पहुंचेगा विपक्ष