नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लगबग एक साल से आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने अब लखनऊ पर चढ़ाई करने की घोषणा की है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि “मैं 22 नवंबर को लखनऊ आ रहा हूँ, सरकार स्वागत करने का इंतजाम करे।' उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीएम योगी ने कहा था कि आंदोलनकारी नेताओं को लखनऊ और दिल्ली का अंतर समझना चाहिए। दिल्ली देश की राजधानी है और लखनऊ राज्य की राजधानी है। यह महसूस करना होगा। सीएम योगी ने कहा था कि किसान यहां आएगा तो उसका स्वागत किया जाएगा। लेकिन अगर कोई कानून के साथ खिलवाड़ करेगा तो उस तरीके से भी उसका स्वागत होगा। दो दिन पहले 9 नवंबर को राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए कहा था कि 'ऐतिहासिक होगी लखनऊ में आयोजित 22 नवंबर की किसान महापंचायत। SKM की यह महापंचायत किसान विरोधी सरकार और तीनों काले कानूनों के विरोध में ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। अब पूर्वांचल में भी और तेज होगा अन्नदाता का आंदोलन।' मीडिया से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि वे सियासत से दूर रहते हैं। उन्हें राजनीति नहीं करनी है। वे सिर्फ अपनी बात सरकार को बताना चाहते हैं। किसानों के आपसी फूट पर टिकैत ने कहा कि यह किसान है, इसका टेंप्रेचर बहुत हाई रहता है। 200 डिग्री टेंप्रेचर है। यह आपसी कुनबा है। यह चलता रहता है। टिकैत के विरोध में भाजपा की तरफ से भी भाजपा किसान मोर्चा 16 से 30 नवंबर के बीच पूरे उत्तर प्रदेश में अपनी ट्रैक्टर रैलियां करने जा रहा है। इसकी शुरुआत पूर्वांचल के मऊ से होगी। इसमें किसानों के लिए सरकार के कामों के बारे में जानकारी दी जाएगी। 'आतंकी संगठन ISIS और बोको हरम की तरह है हिंदुत्व...', कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद पर केस दर्ज कंगना बोलीं- 1947 में आजादी हमें भीख में मिली, भड़के वरुण गांधी बोले- इस सोच को पागलपन कहूं या... भाजपा को एक और बड़ा झटका, अब इस मशहूर एक्ट्रेस ने तोड़ा पार्टी से नाता