रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 11 अगस्त, दिन गुरुवार को मनाया जा रहा है। आपको बता दें कि धर्म शास्त्रों के मुताबिक, रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। जी दरअसल इस दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और उनके मंगलमयी जीवन की कामना करती हैं। वहीं इसके बदले भाई उन्हें रक्षा का वचन और कोई उपहार देते हैं। जी दरअसल ज्योतिषियों का कहना है कि रक्षाबंधन पर 200 साल बाद एक बेहद दुर्लभ संयोग का निर्माण होने जा रहा है। जी दरअसल ज्योतिषियों ने कहा है कि रक्षाबंधन पर इस साल ग्रहों की एक विशेष स्थिति बन रही है। जी दरअसल इस बार गुरुदेव बृहस्पति और ग्रहों के सेनापति शनि वक्री अवस्था में अपनी-अपनी राशियों में विराजमान रहेंगे। आपको बता दें कि ग्रहों का ऐसा अद्भुत संयोग करीब 200 साल बाद बन रहा है और जब भी किसी ग्रह की चाल उल्टी होती है तो धर्म शास्त्रों में उसे वक्री ग्रह कहा जाता है। वहीं ज्योतिषियों के मुताबिक, इस साल रक्षाबंधन पर शंख, हंस और सत्कीर्ति नाम के राजयोग भी बन रहे हैं। इसके चलते रक्षाबंधन के त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। आपको बता दें कि रक्षाबंधन के दिन अभिजीत मुहूर्त, विजय मुहूर्त और अमृत काल, प्रदोष काल जैसी शुभ घड़ियां भी होंगी। इन सभी को ध्यान में रखते हुए आप भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। हालाँकि कई लोग 12 अगस्त को राखी का त्योहार मनाने के बारे में सोच रहे हैं तो ऐसे लोग 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक ही राखी का त्योहार मना सकते हैं। इसके बाद पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी। रक्षाबंधन पर कितने घंटे का शुभ मुहूर्त- अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 53 मिनट तक। विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से लेकर 03 बजकर 32 मिनट तक। अमृत काल- शाम 06 बजकर 55 मिनट से 08 बजकर 20 मिनट तक। रक्षाबंधन पर भूलकर भी न करें ये 4 काम वरना सब हो जाएगा बर्बाद नहीं है भाई तो इन देवताओं को बांधे राखी, चमक उठेगी किस्मत राखी पर पहन रही है साड़ी तो इन अभिनेत्रियों को करें कॉपी