रक्षाबंधन पर भाई को बांधे घर पर बनाई वैदिक राखी, जानिए महत्व

हर साल आने वाला राखी का पर्व इस साल 3 अगस्त 2020 को आने वाला है. इस साल राखी का पर्व 3 अगस्त को मनाया जाएगा. ऐसे में रक्षा बंधन का पर्व वैदिक विधि से मनाना श्रेष्ठ माना गया है. आप सभी को बता दें कि इस विधि से राखी का त्यौहार मनाने पर भाई का जीवन सुखमय और शुभ बनता है. वहीं शास्त्रों के मुताबिक इसके लिए पांच वस्तुओं का विशेष महत्व होता है. इनसे ही रक्षासूत्र का निर्माण किया जाता है. आपको बता दें कि इनमें दूर्वा (घास), अक्षत (चावल), केसर, चंदन और सरसों के दाने शामिल किये जाते हैं. आप इन 5 वस्तुओं को ले और उसके बाद इन्हे रेशम के कपड़े में बांध दें या आप चाहे तो सिलाई लगा दें. अब उसे कलावे में पिरो दें. ऐसे तैयार है आपकी वैदिक राखी.

5 वस्तुओं का महत्व-

दूर्वा (घास)- कहा जाता है यह सदाचार, मन की पवित्रता को तीव्रता से बढ़ाने में कामयाब होता है. इसी के साथ दूर्वा विघ्नहर्ता गणेश जी को प्रिय मानी जाती है.

अक्षत (चावल)- इसे इसलिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इससे एक दूजे के प्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत ना हो सदा अक्षत रहती है.

केसर- केसर की प्रकृति तेज होती है यानी हम जिसे राखी बांध रहे हैं, वह तेजस्वी हो. इसके अलावा भाई के जीवन में आध्यात्मिकता का तेज बढ़ जाता है और भक्ति का तेज भी रहता है.

चंदन- चंदन की प्रकृति शीतल होती है और यह सुगंध देता है. इसी के साथ इसके इस्तेमाल से भाई के जीवन में शीतलता बनी रहती है.

सरसों के दाने- सरसों से यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गुणों को, कंटकों को समाप्त करने में हम तीक्ष्ण बनें. इसके अलावा सरसों के दाने भाई की नजर उतारने के काम आते हैं.

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