नई दिल्ली: देश से आए दिन हार्ट अटैक के कई मामले सामने आ रहे हैं. कोरोनाकाल के पश्चात् से इसमें बहुत इजाफा देखा गया है. चिंता की बात ये है कि युवा भी हृदयघात के शिकार हो रहे हैं. ज्यादातर मामलों में देखा जा रहा है कि मरीज दिल का दौरा पड़ने के बाद हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दे रहा है. सर्दियों के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है. दिल का दौरा पड़ने के बाद मरीज को सबसे पहले जो उपचार मिलना चाहिए लोगों में उसकी जानकारी का भी अभाव है. दवाइयां कौन सी लेनी हैं, लोगों को नहीं पता. चिकित्सकों का मानना है कि दिल का दौरा पड़ने के ठीक बाद का समय पेशेंट के लिए सबसे अहम होता है. यदि उसे मौके पर ही प्राथमिक उपचार मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है. कानपुर का एलपीएस कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा हार्ट अस्पताल है. वहां के डॉक्टर नीरज कुमार ने एक पहल की है, जिसके तहत उन्होंने सिर्फ ₹7 में एक 'राम किट' तैयार की गई है, जिसमें 3 दवाइयां हैं. दिल का दौरा पड़ते ही यदि मरीज इन तीनों दवाइयों का सेवन कर लेते हैं, तो उनकी जान बचाई जा सकती है. डॉक्टर नीरज कुमार ने को बताया कि 7 रुपये की किट में 3 दवाओं एकोस्प्रिन, सोर्बिट्रेट व रोसुवैस 20 टैबलेट रखे गए हैं. दिल का दौरा पड़ने पर इन दवाओं को देने से मरीज की जान बचने का मौका बहुत अधिक हो जाता है. उन्होंने कहा, 'इस मेडिसिन किट का नाम राम के नाम इसलिए रखा गया है जिससे लोगों को दवाइयों का नाम बताने में समस्या ना हो'. नीरज कुमार ने बताया कि दूसरी वजह यह है कि राम नाम में सभी की आस्था है, लोगों में एक भरोसा बंधता है. इसलिए हमने इसे राम किट का नाम दिया है. डॉक्टर नीरज कुमार एलपीएस कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल के मरीजों को दवाओं के साथ ही साइकोथेरेपी का उपचार भी दे रहे हैं. यहां हृदय रोग का उपचार कराने के लिए भर्ती मरीजों को धार्मिक पुस्तकें पढ़ने के लिए दी जाती हैं. जिससे उनका मन शांतचित हो सके. MP में एक के बाद एक फटे 26 गैस सिलेंडर, खौफनाक मंजर देख 10 मिनट में खाली हुए 300 घर अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम अब होगा अयोध्या धाम, रामनगरी में गूंजेगा 'श्रीराम' का नाम ! 'हमें अपने मित्र को रूस में देखकर ख़ुशी होगी..', राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को दिया निमंत्रण, जयशंकर से कही ये बात