...तो असल में यह वजह थी पीडीपी से गठबंधन खत्म करने के पीछे

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में तीन साल पुराना बीजेपी और पीडीपी गठबंधन टूट गया जिसके बाद घाटी में फ़िलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है. वहीं इन दोनों पार्टी के गठबंधन का कामकाज जम्मू-कश्मीर में मुख्यरूप से बीजेपी की तरफ से राममाधव देखते है जो फ़िलहाल में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी है, हाल ही में एक इंटरव्यू में राममाधव ने कश्मीर मुद्दे पर कुछ बिंदुओं पर अपनी राय खुले तौर पर रखी.

राममाधव ने कश्मीर के बारे में अपनी बात शेयर करते हुए कहा है कि "कश्मीर में अब गठबंधन के बाद राष्ट्रपति शासन लगने के बाद हालातों पर काबू करना आसान हो जाएगा. वहीं यहाँ पर सेना को बिना किसी रुकावट के अपनी मुहीम को तेज करने में मदद मिली थी. रमजान के महीने में गठबंधन में रहते हुए, हमने एक उम्मीद से संघर्ष विराम लगाया था, लेकिन उसमें भी आतंकियों की नापाक हरकत के चलते हम कामयाब नहीं हो पाए."

वहीं राममाधव से इंटरव्यू में धारा 370 और कश्मीर में पंडितों के पलायन के मुद्दे के बारे में भी पूछा गया था. इन विषयों के बारे में बताते हुए राममाधव ने कहा कि "कश्मीर में पंडितों का मुद्दा, हमारे अहम मुद्दों में से एक है. कश्मीरी पंडितों के बारे में हमने गठबंधन में रहकर भी काम किया था और अभी राष्ट्रपति शासन के दौरान भी इस पर काम जारी रखेंगे.

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