नई दिल्ली : शीर्ष अदालत के निर्देश पर अयोध्या भूमि विवाद का हल मध्यस्थता के जरिए तलाशने की कवायद आज से शुरू हो चुकी है। पक्ष-विपक्ष समेत मामले से जुड़े अधिवक्ताओं में मध्यस्थता का खाका कैसा होगा, किसे कमेटी बुलाएगी, क्या-क्या दस्तावेज सौंपे जाने हैं, इसे लेकर सरगर्मी तेज होती दिख रही है। इस बीच मुस्लिम नेता जफरयाब जिलानी अयोध्या पहुंच चुके हैं। यूपी में हुई बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक, जल्द हो सकती है पहली सूची जारी वार्ता के लिए जल्द पहुंचेंगे सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक पैनल भी वहां पहुंच चुका है और बुधवार से मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दूसरी तरफ मध्यस्थता को लेकर दोनों पक्षों सहित संत-धर्माचार्यों की राय अलग-अलग है। मुस्लिम पक्ष के इकबाल अंसारी ने जहां मध्यस्थता से मामले के समाधान की उम्मीद कम जताते हैं, वहीं हाजी महबूब सहित महंत धर्मदास व निर्मोही अखाड़ा मध्यस्थता का स्वागत करते हुए वार्ता को तैयार हैं। पटाखा बिक्री और निर्माण पर लगे रोक, याचिका पर आज सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट सबकी अलग है राय जानकारी के अनुसार विश्व हिंदू परिषद सहित रामनगरी के संत-धर्माचार्यों ने स्पष्ट कर दिया गया है कि हम कोर्ट का तो सम्मान करते हैं, लेकिन राममंदिर के नाम पर कोई समझौता नहीं होगा। पक्षकार निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि अभी उन्हें मध्यस्थता के स्वरूप की कोई जानकारी नहीं है। कोर्ट की मध्यस्थता की पहल सराहनीय है। बता दें निर्मोही अखाड़ा तो पहले से ही आपसी सुलह-समझौते के पक्ष में रहा है। बातचीत का विरोध करने वाले इस बात से डरे हैं कि मामला हल हो गया तो, उनकी दुकान बंद हो जाएगी। खेत में बने झोपड़े में था प्रेमी जोड़ा, पकड़े जाने के डर से कर लिया ऐसा काम जेएनयू देशद्रोह मामला: फाइल को मंजूरी नहीं दे रही 'आप' सरकार, पुलिस सुन रही कोर्ट की फटकार नाव में बैठकर सेल्फी लेना पड़ा भारी, दो की गई जान