अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर को लेकर पाकिस्तानी आतंकवादी जैश ए मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद ने भारत सरकार को धमकी दी थी. इस मामले में अयोध्या के संतों-महंतों, विश्व हिंदू परिषद और मुस्लिम पक्षकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. अयोध्या के संतों का कहना है कि अयोध्या में पहले भी आतंकी आ चुके हैं और राम जन्मभूमि पर हमला भी कर चुके हैं लेकिन उन्हें याद होना चाहिए कि उनका हश्र क्या हुआ, सभी आतंकी मारे गए. हमारे देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, आतंकवादियों को सर्जिकल स्ट्राइक याद रखनी चाहिए, अगर आतंकवादियों ने दोबारा गलती की तो हमारी सेना घुसकर मारेगी. राफेल डील मामला: अनिल अंबानी की कंपनियों की वैल्यू 40,000 करोड़, लेकिन हर्जाना माँगा 85,000 करोड़ मसूद की धमकी पर विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मसूद भूलकर भी गलती ना करें, क्योंकि देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, जिसकी निगाहें हमेशा देश की सीमा पर लगी रहती हैं, अगर भूल कर भी ऐसी गलती की तो अंजाम बहुत बुरा होगा. वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि विवादित परिसर हिंदुस्तान की जमीं पर है. किसी बाहरी व्यक्ति को इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है, इकबाल अंसारी ने कहा कि उन्हें देश की कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, किसी भी आतंकवादी को इस मामले में टांग अड़ाने करने की जरूरत नहीं है. ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट : बाबा रामदेव ने किसानों को दी यह खुशखबरी आपको बता दें कि दुनिया भर में कुख्यात जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर ने एक ऑडियो टेप जारी किया था. जिसमें आतंकी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर गीदड़ भभकी दी थी, उसने कहा था कि अगर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण किया गया तो दिल्ली से काबुल तक तबाही मचा दी जाएगी, अजहर ने नौ मिनट के इस टेप में कहा था कि अगर अयोध्या में कथित बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर बनाया गया, तो दिल्ली से काबुल तक के मुस्लिम लड़के बदला लेने को तैयार हैं. ख़बरें और भी:- खुशखबरी: अगले दो दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में आ सकती है बड़ी कमी, यह है वजह पेट्रोल-डीजल : लगातार दसवें दिन गिरे दाम, डीजल 4 महीने के और पेट्रोल आठ महीने के निचले स्तर पर पंहुचा जी-20 सम्मलेन : 12 साल बाद मिले चीन, रूस और भारत के तीन प्रमुख नेता, माल्या-नीरव का मुद्दा भी उठा