नवरात्रि का पर्व 25 मार्च से शुरू हुआ था और इस पर्व को सभी धूम धाम से मनाते नजर आए लेकिन इस बार सभी ने इस पर्व को अपने घरों में मनाया. ऐसे में 2 अप्रैल को नवमी है और इस दिन हवन किया जाता है. आप सभी को बता दें कि 2 अप्रैल को राम नवमी है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस दिन हवन करने की विधि और सामग्री. हवन की सामग्री - आम की लकड़ी और आम का पल्‍लव. पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्‍वगंधा ब्रह्मी, मुलैठी की जड़, कर्पूर, तिल, चावल, लौंग, गाय का घी, गुग्‍गल, लोबार, इलाइची, शक्‍कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, सूखा नारियल और गोला और जौ. आपको यह सब सामान सामान्‍य किराने की दुकान पर मिल जाएगा. आप सभी इसे किराने की दूकान से ले सकते हैं यह आवश्यक सामग्री है और इसे खरीदने से आपको कोई नहीं रोकेगा. विधि - हवन करने से पहले जिन्हे हवन में बैठना है वह स्‍नान करके स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें. जी दरअसल अगर शास्‍त्रों की माने तो पति और पत्‍नी यदि जोड़े से हवन करें तो उसका पूर्ण फल प्राप्‍त होता है. इसी के साथ सभी वस्‍तुओं को शहद और घी के साथ मिलाकर हवन सामग्री बना लें. इसके लिए सबसे पहले हवन कुंड को एक साफ स्‍थान पर स्‍थापित कर दें और इसके बाद आम की लकड़ी और कर्पूर से हवन कुंड में अग्नि को प्रज्‍जवलित करें. अब इसके बाद बाद घी से ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ मंत्र से माता के नाम से आहुति दें फिर सभी देवी-देवताओं से नाम से 3 या 5 बार आहुति दें. इसके बाद संपूर्ण हवन सामग्री से 108 बार हवन करें. अब अंत में हवन पूर्ण होने के बाद माताजी की कपूर और घी के दीपक से आरती करें. अब यह होने के बाद माता रानी को खीर, हलवा, पूड़ी और चने का भोग लगाएं और हवन पूर्ण होने के बाद कन्‍या भोज करवाएं. कन्‍या भोज- वहीं इस बार हम सभी जानते ही हैं कि कन्‍या भोज करवा पाना संभव नहीं होगा, इसलिए आप चाहें तो अपने घर की कन्‍या को भी पूज सकते हैं और भोजन करवाकर दक्षिणा दे सकते हैं. अगर आपके घर में कोई कन्या नहीं है तो आप घर के मंदिर में माता की पूजा करके उन्‍हें विभिन्‍न प्रकार के भोग लगाएं और माता को भेंट सामग्री अर्पित कर सकते हैं. आज से शुरू कर दें माँ जग जननी जी की आरती, होगा हर काम पूरा यहाँ जानिए माँ कालरात्रि का कवच और सबसे बड़ा मंत्र यहाँ जानिए माँ कालरात्रि की उपासना के लाभ और उनका भोग