नई दिल्ली: विजयादशमी के दिन बौद्ध धर्म दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। आम आदमी पार्टी के मंत्री रहे राजेंद्र पाल की उपस्थित में हिंदू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिलाई गई थी। इस पूरी घटना पर अब रामायण फेम अरुण गोविल ने अपना पक्ष पेश किया है। अरुण गोविल अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपने विचार लोगों के समक्ष रखते रहते हैं। अब उन्होंने राजेंद्र पाल को लेकर एक वीडियो साझा किया है। उन्होंने कहा, 'इस घटना ने मुझे ये बोलने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर श्रीराम-कृष्ण की धरती पर ये हो क्या रहा है। शपथ दिलाई जा रही है कि हम ब्राह्म, विष्ण, महेश, हनुमान और राम को नहीं मानेंगे। मां दुर्गा, सरस्वती, काली की पूजा नहीं करेंगे। शपथ दिलाने वाले राजनीतिक-धार्मिक स्वार्थ के लिये ये कर रहे हैं, लेकिन शपथ लेने वाले क्यों नहीं सोचते कि वो ये क्यों कर रहे हैं। इसका हर किसी को विरोध करना चाहिये।' आगे उन्होंने कहा- 'जो लोग श्रीराम को ईश्वर ना मानने की शपथ ले रहे हैं, क्या उन्हें पता है कि वो कौन हैं। ईश्वर के बारे में बताते हुए अरुण गोविल ने कहा कि उन्होंने कभी जाति-धर्म के नाम पर पक्षपात नहीं किया। ना ही उन्हें कभी सत्ता की लालसा रही। आगे प्रभु श्री कृष्ण का जिक्र करते हुए अरुण गोविल ने कहा, जिस भगवद गीता की कसम खाई जाती है, उसी गीता का उपदेश देने वाला का अपमान करके शपथ लेना, मानवता के लिये कितना घातक है। कृष्ण का विरोध करने वालों को एक बार भगवद गीता पढ़नी चाहिए। जिससे उन्हें पता चला कि ये वो धरती पर केवल मानवता के लिये आये थे।' अरुण गोविल ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या चरित्र का विरोध करने से पहले उसे बारे में जान लेना चाहिए। अपने मतलब के चक्कर में व्यक्ति भूल गया है कि वो हिन्दू धर्म का विरोध करके अपनी जड़ें काट रहा है। रामायण फेम अरुण गोविल ने इस वीडियो के जरिए स्पष्ट कर दिया है कि उनका मकसद किसी को भड़काना नहीं है। वो केवल बुराई का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यदि बुराई का विरोध ना हो, तो वो समाज के लिये घातक हो सकती है। सीएम योगी की फटकार के बाद मंत्री का भतीजा गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला सोशल मीडिया बना जान का दुश्मन! महाराष्ट्र में हुई एक और मौत '44 उम्मीदवारों में से प्रत्येक ने नौकरी के बदले दिए 7 लाख..', बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला