नई दिल्ली: कई दशकों की कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में श्री राम मंदिर का पक्ष में फैसला सुनाया था, इसके बाद से ही यह मंदिर आतंकियों के निशाने पर है। इस्लामिक स्टेट (ISIS), अल कायदा जैसे संगठन तो मंदिर पर हमला करने और वहां वापस मस्जिद बनाने की धमकी तक दे चुके हैं। इसी बीच सोमवार (3 अक्टूबर) को दिल्ली में पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS के 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पूछताछ के दौरान हैरान करने वाला खुलासा किया है। कड़ी पूछताछ के दौरान आतंकियों ने कबूला है कि उनके निशाने पर देश के कई बड़े नेताओं के साथ कुछ महत्वपूर्ण मंदिर भी थे। सबसे अधिक चौंकाने वाली बात है कि, आतंकियों के निशाने पर अयोध्या का राम मंदिर और मुंबई का छाबड़ा हाउस भी था। पूछताछ में तीनों आतंकियों शाहनवाज, रिजवान और अरशद ने यह बात कबूली है। इस्लामिक स्टेट (ISIS) आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। इस दौरान पुलिस को आतंकियों के मुंह से कई बड़े राज उगलवाने में सफलता प्राप्त हुई है। आतंकी शाहनवाज उर्फ सैफी, अरशद और रिजवान ने बताया है कि देश की कई लोकप्रिय जगहें उनके निशाने पर थीं। इस दौरान उनका निशाना अयोध्या का राम मंदिर, मुंबई का छाबड़ा हाउस और देश के कई वरिष्ठ नेता भी थे, जो अधिकतर हिंदूवादी थे। आतंकी अपनी साजिश को अंजाम देते, इससे पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकियों को अरेस्ट कर लिया गया है। यही नहीं, दिल्ली से पड़के गए दोनों आतंकियों के ठिकानों से पुलिस को कई संदिग्ध चीजें बरामद हुईं हैं। इनमें हथियार के साथ, हथियार बनाने वाले सामान भी मिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों आतंकियों के ठिकाने से पुलिस को IED बनाने का सामान मिला है और इसके साथ ही पिस्टल भी मिली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीनों का 26/11 से भी बड़ा हमला करने की तैयारी थी। ये तीनों आतंकी काफी पढ़े-लिखे हैं। झारखंड के हजारीबाग का रहने वाला शहनवाज माइनिंग इंजीनियरिंग कर चुका है। माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की वजह से शाहनवाज को विस्फोट का सामान बनाने का तरीका आता था। इस दौरान आतंकियों ने यह भी बताया कि धमाके की प्रैक्टिस के लिए उन्होंने पुणे के जंगलों का इस्तेमाल किया था। शाहनवाज के साथ-साथ पकड़े गए दोनों आतंकी रिजवान और अरशद भी काफी पढ़े-लिखे हैं। रिजवान कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर चुका है और अरशद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से पढ़ा है। एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, बॉर्डर पार बैठे विदेशी हैंडलर शाहनवाज और दूसरे आतंकियों से ऐसा बम ब्लास्ट कराना चाहते थे, जिससे अधिक से अधिक लोगों की जान जा सके। ये आतंकी जंगल में इसकी टेस्टिंग का वीडियो बनाकर शाहनवाज और उसके साथ पाकिस्तान में बैठे हैंडलर को भेजते थे। वहां से उनको PDF के माध्यम से दिशा-निर्देश मिलते थे। PDF में यह बताया जाता था कि, बम में कौन सा केमिकल मिलाकर उसकी मारक क्षमता बढ़ाई जा सकती है। पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका लगातार लोगों को जिहाद के लिए तैयार करने के लिए कहते थे। इनको विदेशी फंडिंग तो मिलती ही थी, साथ ही ये आतंकी चोरी-लूट को अंजाम देकर अपना माल-ए-गनीमत भी बढ़ा रहे थे। NIA ने इन आतंकियों पर 3-3 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। आतंकियों के निशाने पर राम मंदिर और राजनेताओं की भविष्यवाणी :- बता दें कि, बीते कई दिनों से विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि, भाजपा राम मंदिर पर हमला करा सकती है। गोधरा जैसा ट्रेन अग्निकांड करवा सकती है। शिवसेना (UBT) के उद्धव ठाकरे कह चुके हैं कि, ''राम मंदिर के उद्घाटन समारोह पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में देशभर से भीड़ जुटेगी, उनके वापस लौटने के वक्त गोधरा ट्रेन अग्निकांड जैसी घटना हो सकती है।'' वहीं, उनकी ही पार्टी के संजय राउत कह चुके हैं कि, 2024 का चुनाव जीतने के लिए भाजपा गोधरा जैसा ट्रेन अग्निकांड करवा सकती है। बता दें कि, गोधरा में मुस्लिम भीड़ ने साबरमती ट्रेन में आग लगा दी थी, जिसमे अयोध्या से आ रहे 59 श्रद्धालु जिन्दा जल गए थे, जिसमे महिलाएं-बच्चे भी शामिल थे। वहीं, कांग्रेस पार्टी के नेता और कर्नाटक सरकार में मंत्री बीआर पाटिल तो यहाँ तक कह चुके हैं कि, 'भाजपा राम मंदिर पर बमबारी करवाएगी और उसका दोष मुसलमानों पर डाल देगी, ताकि उसे चुनाव में फायदा मिले।' हालाँकि, कांग्रेस शुरू से ही राम मंदिर के विरोध में रही है, लेकिन पार्टी नेता का बयान शाहनवाज़ जैसे आतंकियों को 'ताकत' और 'क्लीन चिट' देने वाला है। आतंकी निश्चिन्त हैं और अपनी नापाक साजिश रचने में लगे हुए हैं, वे भी खबरें देखते ही होंगे, उन्हें पता है कि, यदि वे हमला करते भी हैं, तो भारत में ऐसे नेता बैठे हैं, जो इसका दोष सीधे भारत सरकार पर डाल देंगे और वे बच जाएंगे। ठीक ऐसा ही 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दौरान भी हुआ था, जब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने '26/11 हमला- RSS की साजिश' नाम से किताब लॉन्च कर दी थी, वास्तव में हमला करने वाले आतंकी और साजिश रचने वाला पाकिस्तान बिलकुल पाक-साफ़ साबित हो गए थे। लेकिन, मुंबई में खून की नदियाँ बहाने वाले 10 आतंकियों में से एक अजमल कसाब को मुंबई पुलिस के कर्मी तुकाराम ओम्ब्ले ने 20 से अधिक गोलियां खाकर भी जिन्दा दबोच लिया था। इसी अजमल कसाब ने बाद में कबूला कि उसे पाकिस्तान ने 'हूरों' की लालच देकर 'जिहाद' करने के लिए भेजा था। अगर आतंकी कसाब न पकड़ा जाता, तो पूरी दुनिया 26/11 हमले को 'हिन्दू आतंकवाद' के नाम से जानती, क्योंकि किताब तो जांच से पहले ही छप चुकी थी, अब निशाने पर अयोध्या है, सतर्क रहिए। OBC की बल्ले-बल्ले, बिहार जातिगत जनगणना में 63 फीसद निकली आबादी, लेकिन सच में लाभ मिलेगा या फिर... मणिपुर में किसने फैलाया था 'नफरत' का केरोसिन, कैसे रचा गया पूरा प्रोपेगेंडा ? महीनों बाद ख़ुफ़िया एजेंसियों के हाथ लगा सबसे बड़ा सबूत क्या राहुल गांधी को समझ आ गया 'हिन्दू-हिंदुत्व' का अर्थ, या फिर चुनाव आ गए ? बोले- सत्यम शिवम् सुंदरम