मध्य प्रदेश में तेजी से कोरोना संक्रमण का आतंक फैला है. ऐसे में कोरोना संकट की वजह से भाजपा और कभी कांग्रेस के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट रहे 'राम वनगमन पथ' का निर्माण प्राथमिकता से बाहर हो गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2007 में राम वनगमन पथ का एलान किया था, जबकि कांग्रेस ने इसे अपने वचन पत्र में शामिल किया हुआ था. प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को पंख लगाने वाली यह योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में है. ये भी बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में केंद्र सरकार को कोई प्रस्ताव तक नहीं भेजा है. मुख्यमंत्री चौहान ने 13 साल पहले इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते हुए राम पथ निर्माण का एलान कर दिया था. सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर सर्वे भी कराया था. बता दें की समिति ने रिपोर्ट भी सौंपी, लेकिन इसके बाद योजना आकार लेने के बजाय फाइलों में कैद हो गई. कांग्रेस ने इस मुद्दे की सियासी अहमियत समझते हुए विधानसभा चुनाव 2018 में इसे अपने चुनावी वचन पत्र में शामिल कर निर्माण का संकल्प लिया. कमल नाथ सरकार ने शुरुआती बजट के रूप में 20 करोड़ रुपये मंजूर भी किए, लेकिन फिर कोई उल्लेखनीय काम नहीं हो पाए. अब विश्वव्यापी कोरोना महामारी और वित्तीय संकट के चलते यह महत्वाकांक्षी योजना प्राथमिकता से बाहर है. शराब पीने वालों के लिए बुरी खबर, सिनेमाघरों के लिए जारी हुए ये आदेश भोपाल में बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण, 529 पहुंची मरीजों की संख्या उत्तरप्रदेश के इन इलाकों में बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण, रोजाना मिल रहे नए मरीज