रमज़ान में रोज़ा रखने वालों को जरूर जाननी चाहिए ये बातें

इन दिनों मुसलमानों के लिए बहुत ही पाक महीना चल रहा है जिसे वह रमज़ान के नाम से पुकारते हैं. रमज़ान मुसलमानो के लिए बहुत ही ख़ास होता है इस महीने में वह बहुत से नियम और कानूनों का पालन करते हैं जो उनके खुद के द्वारा बनाए गए होते हैं. रमज़ान एक सबसे ख़ास त्यौहार की तरह होता है जिसके दौरान मुसलमान लोग कई बातों का ध्यान रखते हैं और फिर पुरे महीने उन बातों का पालन करते हैं. इस बार रमज़ान 17 मई से शुरू हुआ और उसके बाद से सभी ने कई तरह के नियमों का पालन करना चूरू कर दिया. रमज़ान के दौरान रोज़े भी रखने पड़ते हैं जिसका मतलब होता है कि ना ही बुरा देखना, ना ही बुरा कहना और ना ही बुरा सुनना.

रोज़े का मतलब भूखा रहना नहीं बल्कि कई और नियमों का पालन होता है. रमज़ान में मुसलमान कभी किसी को बुरा-भला, झूठ, गलत नहीं कहते ना ही करते हैं. रोज़े रखने पर वह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच के समय में ना ही कुछ खाते हैं और ना ही कुछ पीते हैं. मुसलमानो में रमज़ान का महीना त्याग और समर्पण का महीना माना जाता है इस दौरान सभी मिल-जुलकर रहते हैं और किसी से ना कोई लड़ाई होती है ना ही झगड़ा.

यह त्यौहार सभी लोगों के बीच केवल प्यार भरता हैं. रोज़े रखने वाले लोग ना ही किसी नशीली चीज का सेवन करते हैं ना ही चाय और कॉफ़ी का उनके लिए पानी सब होता हैं. रमज़ान के महीने को पवित्र मानकर लोग नशीली चींजों को ना कहते हैं और इस दौरान जो दुआ करते हैं वह कबूल होती हैं.

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