रमज़ान के दूसरे अशरे की मुबारकबाद देती शायरियां

खुदा से यही दुआ है हमारी आप सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल दुनिया के सारे गम तुम्हें जाएं भूल चारो तरफ फैलाओं खुशियों के गीत इसी उम्मीद के साथ यार तुम्हे मुबारक हो रमजान… रहमतों की बारिश का महीना है दोस्तों, ए मेरे मुल्क़ तुझको हो रमज़ान मुबारक़।

 

रात को नया चाँद मुबारक, चाँद को चाँदनी मुबारक, फलक को सितारे मुबारक, सितारों को बुलन्दी मुबारक, और आपको हमारी तरफ से ईद मुबारक….

 

चुपके से चाँद की रौशनी छू जाये आपको; धीरे से ये हवा कुछ कह जाये आपको; दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से; हम दुआ करते हैं वो मिल जाये आपको। ईद मुबारक़!

 

ईद का चाँद जो देखा तो तमन्ना लिपटी उन से तक़रीब-ए-मुलाक़ात का रिश्ता निकला.

 

रमजान में ना मिल सके; ईद में नज़रें ही मिला लूं; हाथ मिलाने से क्या होगा; सीधा गले से लगा लूं। ईद मुबारक.

 

उस से मिलना तो उसे ईद-मुबारक कहना ये भी कहना कि मिरी ईद मुबारक कर दे.

 

दीपक में अगर नूर ना होता; तन्हा दिल यूँ मजबूर ना होता; मैं आपको “ईद मुबारक” कहने जरूर आता; अगर आपका घर इतना दूर ना होता।

 

सदा हँसते रहो जैसे हँसते हैं फूल; दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल; चारों तरफ फ़ैलाओ खुशियों के गीत; इसी उम्मीद के साथ तुम्हें मुबारक हो ईद.

इस प्रदर्शनी में देखो गई दुनिया की विभिन्न प्रकार की कुरान

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