रमज़ान मुबारक की शायरियां

1. हटा कर जुल्फें चेहरे से न छत पर शाम को जाना, कहीं कोई ईद न कर ले अभी रमजान बाकी है। रमजान मुबारक!

 

2. गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है, सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है, मुबारक हो आपको रमजान का महीना, ये पैगाम हमनें सिर्फ आपको भेजा है। रमजान मुबारक!

 

3. रमजान की आमद है, रहमतें बरसाने वाला महीना है, आओ आज सब खताओं की माफी मांग लें, दर-इ-तौरबा खुला है इस महीने में। रमजान मुबारक!

 

4. सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल, दुनिया की सारे गम तुम्हें जाएं भूल, चारों तरफ फैले खुशियों का गीत, ऐसी उम्मीद का साथ यार तुम्हे… रमजान मुबारक!

 

5. किसी का ईमान कभी रोशन न होता, आगोश में मुसलमान के अगर कुरान न होता, दुनिया न समझ पाती कभी भूख और प्यास की कीमत, अगर 12 महीनों मे 1 रमजान न होता। रमजान मुबारक!

 

6. खुशियां नसीब हों और जन्नत करीब हो, तू चाहे जिसे वो तेरे हमेशा करीब हो, कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का तुझ पर, मक्का और मदीना की तुझे जियारत नसीब हो। रमजान मुबारक!

 

7. आसमान पे नया चांद है आया, सारा आलम खुशी से जगमगाया, हो रही है इफ्तार की तैयारी, सज रही हैं दुआओं की सवारी, पूरे हों आपके हर दिल के अरमान, मुबारक हो आप सब को प्यारा रमजान। रमजान मुबारक!

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