बीती रात से दूरदर्शन पर रामायणके दूसरे भाग उत्तर रामायण (Uttar Ramayan) का प्रसारण शुरू हो चुका है। इसके साथ ही दूसरे भाग में टीवी सीरियल के निर्माता रामानंद सागर लव-कुश की कहानी और सीता के वनवास की कहानी दिखाने वाले है। वहीं इसकी शुरुआत उस जगह से होती है जब भगवान राम रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटते हैं और यहां पहुंचकर उनका भव्य रुप से राजतिलक होता है। वहीं बीते दिन के एपिसोड में आपने देखा की भगवान राम के राजा बनने से पूरी प्रजा में काफी खुशी की लहर है। तो वहीं, राजमहल दिवाली की तरह खुशियां मना रहा है। इस मौके पर राजभवन में भगवान राम नीति और विवेक से पूरी सत्ता की बागडोर संभालने की बात करते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की वो कहते हैं कि आज से प्रजा ही उनका परिवार है और वो वक्त आने पर अपने परिवार को भी प्रजा के आगे भूल जाएंगे। इसके बाद, राम जी सबसे पहले अपनी प्रिय माता कैकयी से मिलने के लिए उनके कक्ष में पहुंचते है। यहां आकर उन्हें पता लगता है कि भरत ने माता कैकयी के कमरे में कदम न रखने की कसम खाई हुई है। इसके साथ ही राम भरत को वहां बुलाते हैं और कैकयी से मुलाकात करते है। इसी के साथ भगवान राम कैकयी और भरत को बताते हैं कि उनके पिता दशरथ ने माता को दिया श्राप वापस ले लिया है। इसके साथ ही भरत पर उनके पिता काफी खुश है। इससे कैकयी राहत की सांस लेती है |वहीं, जब बाहर आकर राम पूरे राजमहल के कर्मचारियों को कपड़े देते है तो वहां पर मंथरा को नहीं पाते। इस पर वो पूछते है कि मैया कहां है तो कौशल्या और सुमित्रा बताती हैं कि वो अपने कमरे से बाहर नहीं निकलती और प्रायश्चित की आग में जल रही है। इसके बाद भगवान राम सीता के साथ मंथरा के कमरे में जाते हैं और उन्हें पुकारते है। वहीं मंथरा राम औऱ सीता को देखकर रोती है अपनी भूल की मांफी मांगती है। इस पर राम और सीता उन्हें माता का स्थान देकर मांफ कर देते है। बंपर टीआरपी से बेहद खुश है रामायण के राम हम पांच की काजल भाई बहुत मिस करती थी लड़कियों के कपडे स्मृति खन्ना-गौतम गुप्ता के घर बेटी ने दी दस्तक