आप जानते ही हैं कि रामायण हिंदू धर्म का प्रमुख ग्रथं माना जाता हैं रामायण मनुष्य को यह ज्ञान प्रदान करती हैं कि कुछ गुणों को अपनाकर और कुछ खास बातों को ध्यान में रखकर मर्यादा और अनुशासन वाला जीवन व्यक्ति जी सकता हैं. ऐसे में रामायण में बुराई पर अच्छाई की जीत होती हैं और रामायण एक राजपरिवार और राजवंश की कहानी हैं जो पति पत्नी, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों के आपसी रिश्तों के आदर्श पेश करती हैं. इसी के साथ कहते हैं कि रामायण से हर व्यक्ति को कुछ न कुछ सीखकर अपने जीवन में शामिल करना चाहिए इससे जीवन का स्तर बढ़ेगा और अच्छे गुणों के प्रभाव से हर कार्य सफल होगा. इसी के साथ मानसिक तनाव से भी व्यक्ति बचा रहेगा और जीवन से परेशानियां भी दूर हो जाएंगी. तो आइए जानते हैं रामायण की सीख. रामायण की सीख - कहते हैं रामायण से बहुत कुछ सीखने को मिलता है जैसे विविधता में एकता रामायण की बड़ी सीख हैं इस महाकाव्य में जब श्री राम लंका पर चढ़ाई करने जाते हैं तो उनकी सेना में मनुष्यों से लेकर बंदर और अन्य जानवर भी शामिल थे. इसी के साथ सभी ने प्रभु श्रीराम का साथ दिया इसके अलावा राजा दशरथ के चारों बेटों का चरित्र अलग होने के बावजूद उनमें एकजुटता रहती हैं यह हर परिवार के लिए दुख के समय से बाहर निकलने की सीख हैं. रिश्ते और विश्वास का महत्व - आप सभी जानते ही हैं कि प्रभु श्रीराम ने सब कुछ जानते हुए भी कैकई को दिया वचन निभाया. वही सभी भाइयों में प्रेम था और ऐसे प्रेम में लालच, गुससे या विश्वासघात के लिए जगह ही नहीं थी. इसी के साथ लक्ष्मण ने 14 साल तक भाई राम के साथ वनवास किया, वही दूसरे भाई भरत ने राजगद्दी के अवसर को ठुकरा दिया और भाइयों के प्यार की ये सीख हमें लालच और सांसारिक सुखों के बजाय रिश्तों को महत्व देने के लिए अधिकत प्रेरित करती हैं. 9 संतानों के पिता थे भोलेनाथ, आइए जानते हैं सभी के बारे में क्या आप जानते हैं भोले बाबा की तीसरी आंख का रहस्य श्री कृष्ण ने कहा था- मेरे ये 7 वचन याद रखना...तुम्हारे सारे दर्द मैं ले लूंगा