कोलंबो: भारत की कांग्रेस सरकार ने भले ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर करोड़ों भारतीयों के आराध्य श्री राम को काल्पनिक बता दिया हो, लेकिन पड़ोसी द्वीपीय देश श्रीलंका श्री राम को लेकर एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। बता दें कि, श्रीलंका का भारतीय धर्मग्रन्थ रामायण के साथ एक समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध है। हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, श्रीलंका दशानन रावण का राज्य था, जिसने त्रेतायुग के महानायक भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब श्रीलंका में भी रामायण सर्किट बनने जा रहा है। यह वो जगह है, जहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरण पड़े थे। इसके साथ ही सैलानियों के लिए सीता सर्किट भी आकर्षण का केंद्र होगा। खास बात यह है कि भारतीय पर्यटकों के लेन-देन के लिए भारतीय करेंसी रुपए के इस्तेमाल की इजाजत देने की भी बात चल रही है। दरअसल, श्री राम ने हनुमान और वानर सेना की मदद से सीता को बचाने और रावण को हराने के लिए एक भीषण धर्मयुद्ध लड़ा था। श्रीलंका में आज भी श्रीराम से सम्बंधित कई ऐतिहासिक चीज़ें मौजूद हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका रामायण सर्किट को पुनः बनाने की प्रक्रिया में है और इसमें एक अलग सीता सर्किट भी शामिल है। यही नहीं, श्रीलंकाई द्वीप पर लेन-देन के लिए भारतीय रुपये (INR) की इजाजत देने की संभावना पर भी चर्चा चल रही है। बता दें कि, श्रीलंका में ऐसे कई जगह हैं, जो रामायण काल से संबंधित हैं। श्रीलंका में कुछ लोकप्रिय रामायण ट्रेल्स में सिगिरिया भी शामिल है। यहां एक पत्थरों से निर्मित प्राचीन किला है, जिसे राजा रावण का महल बताया जाता है। यह श्रीलंका में सैलानियों की सबसे पहली पसंद भी है। नुवारा एलिया शहर में अशोक वाटिका एक अन्य लोकप्रिय केंद्र है। माना जाता है कि यह वही जगह थी, जहां रावण ने माता सीता को बंदी बनाकर रखा था। हनुमान यहीं पर सीता से मिले थे और उन्हें भगवान राम की अंगूठी दी थी। 'हिजाब नहीं पहना, तो कड़ी कार्रवाई होगी..', ईरान में खुले सिर घूम रही माँ-बेटी गिरफ्तार, Video ओला-टीवीएस को मिलेगी चुनौती, यामाहा का इलेक्ट्रिक स्कूटर हो सकता है इस साल लॉन्च पाकिस्तान ने अपने निराशाजनक आर्थिक दृष्टिकोण को स्वीकारा है