मध्यप्रदेश के कॉलेजों में पढ़ाई जाएंगी 'रामचरितमानस' और 'महाभारत', शिवराज सरकार ने लिया बड़ा फैसला

भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने बेहद अहम फैसला लिया है। इसके तहत उच्च शिक्षा विभाग ने BA के प्रथम वर्ष में रामचरितमानस का पाठ पढ़ाए जाने का फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सत्र से ही सिलेबस में ‘रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन’ को शामिल कर लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसे दर्शन शास्त्र विषय में रखा गया है, जिसका 100 अंकों का पेपर रहेगा। यह सभी छात्रों के लिए आवश्यक नहीं होगा, बल्कि वैकल्पिक रहेगा।

 

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि BA फर्स्ट ईयर के छात्र अब से रामचरितमानस का जीवन दर्शन पढ़ेंगे। दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर छात्रों को रामचरितमानस की शिक्षा देंगे। उन्होंने कहा कि जब युवा रामचरितमानस पढ़ेंगे, तो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की तरह उनमें चरित्र का निर्माण होगा। भगवान राम के चरित्र में कला, साहित्य और संस्कार का अद्भुत मिश्रण है। मंत्री ने कहा कि राम के दर्शन से छात्र अपने चरित्र का निर्माण कर सकते हैं। यह वैकल्पिक होगा, जिसे कॉलेज में हिंदी और दर्शन विषय हैं।

दरअसल, नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रदेश के कॉलेजों में BA प्रथम वर्ष के नए पाठ्यक्रम में महाभारत, रामचरितमानस, योग और ध्यान शामिल किए गए हैं। वहीं, अंग्रेजी के फाउंडेशन कोर्स में प्रथम वर्ष के छात्रों को सी राजगोपालचारी की महाभारत की प्रस्तावना पढ़ाई जाएगी। अंग्रेजी और हिंदी के अतिरिक्त, योग और ध्यान को भी तीसरे फाउंडेशन कोर्स के तौर पर पेश किया गया है। इसमें ॐ ध्यान और मंत्रों का पाठ शामिल है।

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