मुम्बई : बाबा रामदेव के समर्थकों के लिए यह खुश खबर है कि पतंजलि योगपीठ ने आयकर अपील अधिकरण (ITAT) में टैक्स छूट से जुड़े मामले में जीत हासिल कर ली है.बता दें कि आयकर विभाग ने कहा था कि पतंजलि योगपीठ द्वारा प्रचारित किया जा रहा 'योग' मेडिकल राहत और शिक्षा के विस्तार में सहायक नहीं है इसलिए यह चैरिटी के अंतर्गत नहीं आता. लेकिन अपील अधिकरण ने आयकर विभाग के निष्कर्ष को तार्किक नहीं मानते हुए पतंजलि की दलील को मंजूर कर लिया. गौरतलब है कि अपील अधिकरण ने यह माना कि 'योग' स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं और शिक्षा उपलब्ध कराता है जो चैरिटी के दायरे में आता है. आयकर कानून की धारा 11 और 12 के तहत चैरिटेबल संस्थाओं को टैक्स छूट का लाभ मिला हुआ है. अधिकरण ने अपने फैसले में आयकर अधिनियम में किए गए संशोधन का भी जिक्र किया.जिसमें 2016 में सरकार ने 'योग' को चैरिटेबल उद्देश्य माना था. इसके अलावा अपील अधिकरण ने यह भी माना कि पतंजलि योगपीठ को वनप्रस्थ आश्रम स्कीम के तहत मिली 43.98 करोड़ रुपए का दान कैपिटल रसीद थी जो आयकर के अंतर्गत नहीं आती. बता दें कि अगर पतंजलि योगपीठ ITAT में यह अपील हार जाता तो उसे आयकर देना पड़ता. हालांकि अधिकरण ने पतंजलि योगपीठ की कुल कमाई का जिक्र अपने फैसले में नहीं किया है.इससे ट्रस्ट की वास्तविक कमाई पता नहीं चल सकी है. यह भी पढ़ें योग करने वाले BSF जवान अब खाएंगे पतंजलि आटा पतंजलि में 8097 पदों पर भर्ती ,10वीं, 12वीं, ग्रेजुएट करें अप्लाई