नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में दोनों पक्षों को आपसी सहमति से मसला सुलझाने के लिए की गई बात को लेकर केंद्र सरकार ने इसे बेहतर बताया है। हालांकि इस मामले में राजनीति गर्मा गई है। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख व उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि न्यायालय की बात को जानने और जो लिखित में है उसे पढ़ने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। मुस्लिम समाज के धर्मगुरू उमर इलियासी ने कहा कि यदि दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर समाधान सामने आता है तो फिर यह बेहतर होगा। आरएसएस ने इस निर्णय का स्वागत किया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता नलिन कोहली द्वारा कहा गया कि उन्होंने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना था कि न्यायालय का निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि इस मामले में कांग्रेस का कहना था कि इस मसले को न्यायालय को ही हल करना होगा। कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि न्यायालय को निर्णय लेना चाहिए। भले ही चर्चा हो मगर न्यायालय इस मामले में बना रहे। मुस्लिम धर्म गुरू खालिद रशीद फिरंगी ने कहा है कि इस मामले में चर्चा से हल निकालने की बात कह गई है। मगर राजनीतिक दल पार्टियों को निशाने पर रख रहे हैं। रामजेठमलानी और केंद्रीय मंत्री जेटली के बीच हुई जिरह सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर के खिलाफ याचिका को अवैध बताया ट्रिपल तलाक़ पर वोट करने वाली आतिया को है भाजपा से उम्मीदें