नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर का भव्य अभिषेक समारोह शुरू हो चुका है। इस आयोजन के लिए देश भर से धार्मिक नेता, फिल्मी सितारे, खिलाड़ी, संगीतकार और अन्य प्रसिद्ध हस्तियां पहुंची हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 10,000 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी मंदिर में प्रवेश कर चुके हैं। सूची विशिष्ट है, इतना कि उत्तर प्रदेश, जहां अयोध्या स्थित है, के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निमंत्रण पाने वाले एकमात्र भाजपा मुख्यमंत्री हैं। देश भर के भाजपा नेताओं ने अयोध्या में समारोह की सार्वजनिक स्क्रीनिंग का आयोजन किया है। कार्यक्रम का आयोजन करने वाले मंदिर ट्रस्ट ने कई विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने दूर रहने का फैसला किया है। जहां कुछ ने भाजपा पर धार्मिक आयोजन का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है, वहीं अन्य ने कहा है कि वे बाद में मंदिर जाएंगे। तो फिर, सवाल यह है कि प्रमुख विपक्षी नेता आज क्या कर रहे हैं, जब पूरा देश राममय है और अयोध्या में भव्य समारोह चल रहा है। क्या कर रहे राहुल गांधी ? भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए असम में मौजूद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का 15वीं सदी के समाज सुधारक श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली बताद्रवा थान जाने का कार्यक्रम है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि उन्हें मंदिर में जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने पाबंदियों पर सवाल उठाते हुए पूछा, "हम मंदिर जाना चाहते हैं. मैंने क्या अपराध किया है कि मैं मंदिर नहीं जा सकता?" राहुल गांधी असम में धरने पर बैठ गए हैं। दरअसल, मंदिर के प्रबंधन ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के कारण राहुल गांधी को दोपहर 3 बजे के बाद मंदिर में आने के लिए कहा था, क्योंकि आज अयोध्या के लिए वहां विशेष पूजा होने वाली है। बताद्रवा थान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जोगेंद्र नारायण देव महंत ने कहा कि मंदिर में आज 10000 लोगों के आने की उम्मीद है। महंत ने कहा कि, ''उस वक्त हम नहीं चाहते कि राहुल गांधी यहां आएं, क्योंकि उनके स्वागत की प्रक्रिया में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। वह कल दोपहर 3 बजे के बाद आ सकते हैं और हम उनका भव्य स्वागत कर सकेंगे। हमने पहले ही स्थानीय विधायक, जिला आयुक्त और एसपी को सूचित कर दिया है।" मगर, राहुल गांधी वहीं, धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सीएम हिमंता बिस्वा सरमा पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, और सोनिया गांधी राम मंदिर का निमंत्रण पहले ही ठुकरा चुके हैं और वे अब पूर्वोत्तर से गुजरने वाली राहुल गांधी की यात्रा में सबसे आगे हैं। ममता बनर्जी की 'सर्व-धर्म रैली' जैसे ही अयोध्या समारोह शुरू होगा, बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी धार्मिक सद्भाव का आह्वान करते हुए कोलकाता में एक समानांतर रैली करेंगी। बनर्जी को अयोध्या कार्यक्रम के लिए निमंत्रण मिला है, लेकिन वो अयोध्या नहीं जाने वाली हैं। वे आज सबसे पहले पूजा करने के लिए प्रतिष्ठित कालीघाट मंदिर जाएंगी। इसके बाद वह 'सर्व-धर्म रैली' आयोजित करेंगी। वरिष्ठ तृणमूल नेता और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि उनके धर्म ने उन्हें "घृणा, हिंसा और निर्दोषों के शवों" पर बने पूजा स्थल (अयोध्या) को गले लगाना नहीं सिखाया है। राज्य भाजपा ने कहा कि जब देश प्रतिष्ठा समारोह का इंतजार कर रहा था तो ऐसा बयान 'निराशा' के कारण दिया गया था। भंडारा कर रही AAP :- अयोध्या घटना को चिह्नित करने के लिए आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा नियोजित कार्यक्रमों की एक लंबी सूची में शोभा यात्रा, भंडारा, सुंदर कांड पाठ और आरती शामिल हैं। इन सामुदायिक कार्यक्रमों में पार्टी के मंत्री, विधायक और पार्षद हिस्सा लेंगे। AAP नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले कहा था कि उन्हें सूचित किया गया था कि उन्हें इस कार्यक्रम के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि, "लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पत्र में उन्होंने लिखा है कि कार्यक्रम में बहुत सारे VIP और VVIP आएंगे और सुरक्षा कारणों से केवल एक व्यक्ति को अनुमति दी जाएगी। मैं अपनी पत्नी, बच्चों और माता-पिता के साथ आना चाहता हूं, इसलिए हम बाद में जाएंगे।'' केजरीवाल ने AAP के सभी मंत्रियों, विधायकों, पार्षदों और कार्यकर्ताओं से शोभा यात्राओं में भाग लेने, भंडारों में योगदान देने और इस भव्य आयोजन के उपलक्ष्य में लोगों की सेवा करने का आग्रह किया है। AAP ने कहा है कि "भगवान राम किसी विशिष्ट राजनीतिक दल से संबंधित नहीं हैं"। पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि, "वह भारतीय सभ्यता के महानतम आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो मानवता को सुशोभित करते हैं। इसलिए सीएम अरविंद केजरीवाल निश्चित रूप से उनका आशीर्वाद लेने जाएंगे और पार्टी के सभी नेता अपने परिवारों के साथ मिलने के लिए कतार में खड़े होंगे।" तमिलनाडु में समारोह रोक रही DMK सरकार :- वहीं, एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली DMK ने स्पष्ट कर दिया है कि वह "मस्जिद को ध्वस्त करने के बाद मंदिर के निर्माण से सहमत नहीं है", यही नहीं तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल ने अयोध्या कार्यक्रम की सार्वजनिक स्क्रीनिंग की अनुमति देने से इनकार कर रहा है। DMK इसके लिए सुप्रीम कोर्ट भी गई थी, कि अयोध्या समारोह का लाइव प्रसारण नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वहां पर दूसरे समुदाय के लोग भी रहते हैं। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने DMK सरकार के इस तर्क को ख़ारिज कर दिया और कहा अयोध्या कार्यक्रम की लाइव प्रसारण नहीं रोक सकते, ये हिन्दुओं का धार्मिक अधिकार है कि वो अपने समुदाय के साथ अपने आराध्य का पूजन देखें। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि तमिलनाडु सरकार ने अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने पर "प्रतिबंध" लगा दिया है। राज्य सरकार द्वारा प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर किसी भी पूजा, भजन या प्रसाद की अनुमति नहीं दी जा रही है। सीतारमण ने एक्स पर पोस्ट किया, "इस हिंदू विरोधी, घृणित कार्रवाई की कड़ी निंदा करती हूं।" शरद पवार, लालू यादव नहीं पहुंचे अयोध्या :- NCP प्रमुख शरद पवार ने उन्हें आमंत्रित करने के लिए मंदिर ट्रस्ट को धन्यवाद दिया है, लेकिन कहा है कि वह समारोह के बाद जब कम भीड़ होगी, तो वह अयोध्या मंदिर का दौरा करेंगे। उनके समकालीन और राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक लालू यादव भी दूर रहेंगे। लालू यादव, जो मंदिर के लिए समर्थन जुटाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व वाली रथ यात्रा को रोकने पर सुर्खियों में आए थे, ने पिछले हफ्ते मीडिया से कहा था कि वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कोई कारण नहीं बताया था। अन्य विपक्षी नेताओं में, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा है कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अपने परिवार के साथ मंदिर जाएंगे। उन्होंने आमंत्रण के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया है। शिवसेना (UBT) गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्या कार्यक्रम से दूर रहेंगे। उनके सहयोगी और पार्टी नेता संजय राउत ने कहा है कि श्री ठाकरे नासिक के कालाराम मंदिर में पूजा करेंगे और गोदावरी नदी तट पर 'महा आरती' करेंगे। संजय राउत ने स्पीड पोस्ट पर उद्धव ठाकरे को निमंत्रण देने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि, "भगवान राम आपको श्राप देंगे। सभी फिल्मी सितारों को आमंत्रित किया गया है, लेकिन आंदोलन से करीब से जुड़े रहे ठाकरे परिवार के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है।" वहीं, CPM ने पहले कहा था कि वह इस कार्यक्रम में भाग नहीं लेगी, क्योंकि वह लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है, लेकिन भाजपा के लिए "धर्म को राजनीति के साथ जोड़ना" "सही नहीं है"। UP में 'रामनगरी' ने पूरा किया गोल्डन ट्रायंगल, जानिए क्या है ये? पूरी हुई 500 वर्षों की तपस्या, गर्भगृह में विराजमान हुए श्री रामलला राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा पर भावुक हुए PM मोदी, बोले- 'अलौलिक क्षण हर किसी को भाव-विभोर कर देने वाला है...'