आप सभी को बता दें कि वासंतिक नवरात्र की अष्टमी के हवन और नवमी के कन्यापूजन की तिथि को लेकर लोगों में काफी असमंजस है ऐसे में ज्योतिषों एक अनुसार माता के व्रत विशेष रुप से अष्टमी व्रत में उदया तिथि का नियम लागू नहीं होता. कहा जाता है उसका आधार महानिशा के मध्य रात्रि से है और गुरुवार की मध्यरात्रि, महानिशा की रात होगी और उसी के आधार पर शुक्रवार को अष्टमी का व्रत रखा जाएगा. जी हाँ, इसी के साथ नवमी को होने वाला हवन और कन्या पूजन शनिवार को किया जाएगा यानी कल और अष्टमी तिथि शनिवार को सुबह तक रहेगी और उसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी, जो रविवार की सुबह तक चलने वाली है. ज्योतिषों के अनुसार माता जी का व्रत विशेष रुप से अष्टमी जिसमें उदया तिथि का नियम लागू नहीं होता है और इस आधार पर कल दिन में अष्टमी तिथि लग जाएगी. इसी के साथ अष्टमी का व्रत शुक्रवार को रखा जाएगा और नवमी शनिवार की होगी. ज्योतिषों के अनुसार 13 अप्रैल शनिवार को सूर्योदय काल छह से 11: 42 तक रहेगी और इसके बाद नवमी तिथि 11: 42 से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन रविवार को प्रात: 9:36 बजे तक रहेगी. वहीं भगवान श्रीराम का जन्म नवमी तिथि में कर्क लग्न में हुआ था इस कारण से 13 अप्रैल को मध्याहृ काल में कर्क लग्न 11:34 बजे से 1:51 बजे तक रहेगी. वहीं इस दिन पुनर्वसू नक्षत्र सुबह 8: 59 बजे तक रहेगा और उसके बाद पुष्य नक्षत्र का शुभारंभ हो जाएगा. जी हाँ, क्योंकि चंद्रमा कर्क राशि में रहेगा और माता जी का व्रत विशेष रुप से अष्टमी जिसमें उदया तिथि का नियम लागू नहीं होता है. अब इस आधार पर आज दिन में अष्टमी तिथि लग जाएगी और इसतरह अष्टमी का व्रत शुक्रवार को रखा जाएगा और नवमी शनिवार की होगी. वहीं 13 अप्रैल शनिवार को सूर्योदय काल छह से 11: 42 तक रहेगी और इसके बाद नवमी तिथि 11: 42 से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन रविवार को प्रात: 9:36 बजे तक रहेगी. आज माँ कालरात्रि को जरूर चढ़ाये यह पुष्प, हो जाएगी खुश आज है नवरात्रि का सांतवा दिन, करें मां दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा आज मां कात्यायनी को करें इस आरती से खुश