रांची: चारा घोटाले मामले में अदालत ने एक और बड़ा फैसला सुनाते हुए 37 लोगों को सजा सुनाई है, साथ ही अदालत ने उनकी चल-अचल संपत्ति की जांच करने के आदेश भी दिए हैं. इससे पहले चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 45ए/96 में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने मंगलवार को अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी कर ली थी, जिसके बाद आज सजा का ऐलान कर दिया गया. पूर्व में अदालत ने मामले में फैसला सुनाते हुए 37 अभियुक्तों को दोषी करार दिया था, जबकि पांच को बरी कर दिया था, इसके बाद दोषियों के सजा के बिंदु पर सुनवाई शुरू हुई थी, मंगलवार को नौ अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी हुई थी. इनमें राजन मेहता, सर्वेंदु कुमार दास, संजय शंकर, संजय कुमार अग्रवाल, शशि कुमार, सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद एवं विनोद कुमार झा शामिल हैं, उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला का यह 51 वां मामला है, जिसमें सजा सुनायी गई है. दोषियों को साढ़े तीन वर्ष से 14 वर्ष की सजा और 50 लाख रुपये से दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. आपको बता दें कि वर्ष 1991-92 और वर्ष 1995-96 के बीच दुमका कोषागार से 34 करोड़ 91 लाख 54 हजार 844 रुपये की अवैध निकासी हुई थी, मामले को लेकर सबसे पहले दुमका के तत्कालीन एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पद पर रहे राजीव अरुण एक्का ने 22 फरवरी 1996 को दुमका टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके बाद 15 अप्रैल 1996 को सीबीआई ने कांड संख्या आरसी 45ए/96 के तहत 72 आरोपितों के खिलाफ जांच शुरू की थी. 12 अक्तूबर 2001 को अदालत में चार्जशीट दायर की गई थी. वहीं 24 जुलाई 2004 को 60 अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में चार्जफ्रेम हुआ था. ट्रायल के दौरान 14 अभियुक्तों का का निधन हो गया था. चारा घोटाले मामले में 37 अन्य भी दोषी करार बन्दूक की नोक पर बैंक से 10 लाख लूटे राजनीति में आने के बाद लालू ने भ्रष्टाचार की धारा खोल दी - सीबीआई जज