अभिनेता रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) ने अपने करियर में कई दमदार किरदार निभाए हैं और उनके उन किरदारों को बहुत पसंद किया जाता है। हालाँकि अब वह एक नयी कहानी के साथ पर्दे पर आने वाले हैं। जी दरअसल रणदीप हुड्डा अब एक ऐतिहासिक किरदार निभाने जा रहे हैं, जिनकी कुर्बानियां उनकी शहादत को सलाम करती हैं। जी हां, मिली जानकारी के तहत वह स्वतंत्रता सेनानी ‘वीर सावरकर’ (Freedom Fighter Veer Savarkar) बनकर लोगों के दिलों में बसने की तयारी में हैं। मिली जानकारी के तहत इस फिल्म का निर्देशन महेश मांजरेकर (Mahesh Manjrekar) करने जा रहे हैं और दूसरी तरफ रणदीप हुड्डा इस किरदार को निभाने के लिए काफी उत्साहित हैं। आप सभी ने रणदीप को ‘सरबजीत’ फिल्म में देखा होगा जिसकी बड़ी और आलोचनात्मक सफलता के बाद, निर्माता संदीप सिंह एक बार फिर से इंटरनेशनल फेम स्टार भारतीय अभिनेता रणदीप हुड्डा के साथ उनकी महत्वाकांक्षी फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ पर फिर से जुड़ चुके हैं। निर्माता संदीप सिंह का कहना है, “भारत में बहुत कम अभिनेता हैं जो अपनी प्रतिभा से जादू बिखेर सकते हैं और रणदीप उनमें से एक हैं। वीर सावरकर को भारतीय इतिहास के सबसे विवादास्पद पात्रों में से एक मानते हुए, मैं केवल रणदीप के बारे में सोच सकता था। वीर सावरकर के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। मुझे आश्चर्य है कि हमारी इतिहास की किताबों में वीर सावरकर का कभी उल्लेख क्यों नहीं किया गया?” वहीं दूसरी तरफ आनंद पंडित मोशन पिक्चर्स के निर्माता आनंद पंडित का कहना है, “सिनेमा एक रचनात्मक माध्यम है जो विभिन्न विचार प्रक्रियाओं का जश्न मनाता है। स्वतंत्र वीर सावरकर जैसी फिल्में कहीं अधिक आकर्षक सार्वजनिक संवाद बनाने में मदद करेंगी। महेश और रणदीप के साथ, मुझे यकीन है कि हम दर्शकों के लिए कुछ यादगार बनाएंगे।'' आपको बता दें कि इस महत्वाकांक्षी फिल्म की शूटिंग इसी साल 2022 जून से शुरू हो जाएगी। इसे लंदन, महाराष्ट्र और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के विभिन्न स्थानों पर शूट किया जाएगा। इसी के साथ फिल्म एक अलग स्पेक्ट्रम से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को उजागर करेगी। आपको बता दें कि वीर सावरकर की इस अनकही कहानी का निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर करेंगे। इस एक गलती के चलते भगत सिंह को मिली थी फांसी, कहा था- ' मेरी मां बीमार है उन्हें आजाद कराकर ही लौटूंगा' भगत सिंह को बचा सकते थे बापू, लेकिन आखिर क्यों नहीं बचाया? फांसी से ठीक पहले भगत सिंह ने लिखा था ये खत, फंदे को चूमकर न्योछावर किये प्राण