जिस प्रकार पूरे देश के सरकारी स्कूल कैटेगरी के आधार पर वर्गीकृत है. उसी प्रकार अब निजी स्कूलों को भी कैटेगरी के आधार पर जल्द बांटा जाएगा. यह कहना हैं नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) का. एनसीपीसीआर की माने तो सभी स्कूलों की रैंक भी इंफ्रास्टक्चर सुविधाओं के आधार पर निर्धारित की जाए. अगर राज्य सरकारों की ओर से इन बातों पर ध्यान दिया जाता है और यह लागू किया जाता है तो एचआरडी मिनिस्ट्री भी इसे करने को तैयार है. प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, महिला और बाल विकास मंत्रालय की इकाई एनसीपीसीआर ने एचआरडी मिनिस्ट्री के साथ इस मुद्दे को उठाया है. ख़बरों की माने तो बोर्ड ने केंद्र और राज्य सरकार को इसकी सलाह दी है. एचआरडी मिनिस्ट्री के अधिकारी के अनुसार एनसीपीसीआर के पास इंफ्रास्टक्चर और सेफ्टी ऑडिट को लेकर नियमावली है. एक वरिष्ठ अधिकारी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, वर्गीकरण और रैंकिंग इन दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी को सुनिश्चित करेगी. अधिकारी ने ये भी कहा कि शिक्षा राज्य का मामला है, लेकिन एचआरडी मिनिस्ट्री राज्य सरकारों को मॉडल फ्रेमवर्क देने को तैयार है, ताकि दिक्कतों का समाधान हो सके. दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य मनोहर लाल के मुताबिक़, अगर यह ईमानदारी से किया जाता है और कुछ मानकों के आधार पर रैंक दी जाती है, तो यह ठीक है. और हम इस कदम का स्वागत करते हैं. जामिया विवि: 2 फरवरी से शुरू होंगे एडमिशन, 9 नए पाठ्यक्रम होंगे पेश UP board: बोर्ड परीक्षार्थी की संख्या 88 देश की जनसंख्या से भी अधिक Bihar police result: जाने- आखिर क्यों अब तक नही आया परिणाम जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ.